उत्तरप्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर ज़िला के नौगढ़ प्रखंड से अनीता दुबे ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि बेटी भी बेटो की तरह पिता की संपत्ति में उत्तराधिकारी होती है ।अगर पिता की मृत्यु के बाद जब पता चलता है कि वसीहत में बेटी का नाम नहीं है तो बेटी इसको लेकर अपना हक़ मांग सकती है। अगर पिता की पैतृक संपत्ति है तो बेटी का भी अधिकार संपत्ति में है। वही अगर पिता बेटा और बेटी को संपत्ति नहीं देना चाहता तो इसपर कोई भी कानून दखल नहीं दे सकता है।