उत्तर प्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर जिला से राहुल गुप्ता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आपको भी ऐसा लग रहा होगा कि सूरज पहले से ज्यादा तप रहा है। सुबह 7-8 बजे ही ऐसा लगता है कि दोपहर 12 बजे की कड़क और तीखी धूप हो रही है। हालांकि जैसा हम समझ रहे है वैसा नहीं है सूरज तब भी वैसा तपता था और अभी भी वैसा ही तप रहा है। बस हमें बचाने वाली ओजोन चादर पतली हो गई है और वो हुई है ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से। दरअसल जब जीवाश्म ईंधन जलाते हैं, तो कार्बन प्रदूषण वातावरण में रहता है, एक कंबल की तरह काम करता है और गर्मी में फंस जाता है। आज, वायुमंडल में इतना ज्यादा कार्बन प्रदूषण है कि इसकी वजह से मौसम में बदलाव आ रहा है और गर्मी बढ़ रही है।