उत्तर प्रदेश राज्य के सिद्धार्थनगर जिला से राहुल गुप्ता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गाँव की 95 प्रतिशत महिलाएँ अपनी मायके के नाम से बुलाते हैं और उनके नाम का उपयोग बहुत कम किया जाता है।उनके ससुराल वाले महिलाओं को उनके गाँव के नाम से बुलाते हैं और जो लोग गाँव का नाम नही से जानते हैं, वे उनके पति के नाम से बुलाते हैं। हर तरह से उनका नाम छिपाने की कोशिश की जाती है। महिलाओं का नाम घर के बाहर या अंदर नही पुकारने के पीछे की मानसिकता समझ से बिलकुल परे है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।