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उत्तरप्रदेश राज्य के आंबेडकर नगर जिला से आशीष श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि,लगातार हो रही बारिश के कारण कुछ किसानों को अपने खेतों में खेती करनी पड़ती है। वे बारिश में अपने खेतों में काम करने के लिए बाहर जाते हैं। यह उनके लिए खतरनाक हो सकता है, क्योंकि पिछले कई दिनों से कई जगहों पर बिजली गिरने से कई किसानों की मौत हो गई है, इसलिए अगर भारी बारिश हो रही है तो आपको खेतों में काम नहीं करना चाहिए। सुरक्षित स्थान पर रहने की आवश्यकता है क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही आपके और आपके परिवार के जीवन को खतरे में डाल सकती है।
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उत्तरप्रदेश राज्य के आंबेडकर नगर से अलोक तिवारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि बारिश होने से जल स्तर बढ़ा और नल कूप में सही से पानी आने लगा। मानव जीवन में बारिश होने से काफी खुशहाली होती है। नदी नाले में पानी भर जाता है जिससे अन्य जीवों को भी पानी पीने के लिए कोई संघर्ष नहीं करना पड़ता और पेड़ पौधे भी हरे भरे हो जाते हैं। मानव जीवन में जल का होना बहुत जरूरी है। पानी एक मूलयवान संसाधन है जो पेड़ पौधे और सभी तरह के जीवों के लिए फायदेमंद होता है। पानी वातावरण को हरा भरा रखने में काफी मददगार होता है। बारिश के पानी का इस्तेमाल पीने के वजाय कपड़े धोने और सिंचाई में कर सकते हैं। हालाँकि बारिश हमे केवल पानी ही नहीं देती बल्कि इसका हमारे जीवन में बहुत प्रभाव पड़ता है बारिश की बूंदों की आवाज बहुत सुकून देने वाली होती है और बारिश की महक भी बहुत सुकून देने वाली होती है
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बारिश के मौसम में क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? आईए जानते हैं
उत्तर प्रदेश राज्य के आंबेडकर नगर जिला से आशीष श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि हीटवेव से बचने के लिए महत्वपूर्ण उपाय कर सकते हैं। अभी तापमान बहुत ज्यादा बढ़ गया है इसके लिए कड़ी धुप दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक घर से निकलने से बचना चाहिए ,ढीले ढाले कपड़े पहनना चाहिए। हमेशा खुद को डी हाइड्रेट रखने के लिए पानी वाले फल खाने चाहिए। टी वी मोबाइल फोन से दुरी बना कर रखे। रसोई घर को हवादार बनाने के लिए खिड़की दरवाजे खुले रखें
उत्तर प्रदेश राज्य के अम्बेडकर नगर से आशिस श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने के उपाय इसके लिए आमों के अलावा, तरबूज या खीरा, कचोरी आदि खाना चाहिए, जो गर्मियों के मौसम में भारत में आम हैं। पीने के रस में पानी की मात्रा नब्बे प्रतिशत तक होती है, जो निर्जलीकरण को रोकने और शरीर को ठंडा रखने में मदद करेगी यदि आप इसका नियमित रूप से सेवन करते हैं। यह आपके शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने में मदद करता है। गर्मियों में हम में से ज्यादातर लोग खीरा, तरबूज, कीवी, दही, नारियल आदि चीजें खाते हैं। गर्मी के मौसम में अपने शरीर को ठंडा रखने के लिए हमें समय-समय पर पानी पीते रहना चाहिए। जितना हो सके उतना पानी पीना चाहिए। हम में से अधिकांश को धूप में बाहर नहीं जाना चाहिए। जरूरत पड़ने पर ही हमें धूप में बाहर रहना चाहिए।
उत्तरप्रदेश राज्य के आंबेडकर नगर से आशीष श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की गर्मी के कारण तापमान पैंतालीस से पचास या इक्यावन डिग्री तक पहुंच रहा है। अधिकांश क्षेत्रों में गर्मी चारों ओर है। गर्मी से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए या क्या नहीं करना चाहिए? दोपहर 12 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच बाहर नहीं जाना चाहिए क्योंकि इस समय सूरज बहुत तेज होता है और सीधे हमारे शरीर पर गिरता है। हम लोगों को धूप में बाहर जाते समय कपड़े पहनने चाहिए और अपने सिर को ढंकना चाहिए क्योंकि इसके लिए कपड़े की टोपी या छतरी का उपयोग करना चाहिए और पर्याप्त और नियमित अंतराल पर पानी पीना चाहिए। भले ही हम कोशिश न करें, हमें समय-समय पर पानी पीना चाहिए। हमें यात्रा में अपने साथ पानी की बोतल ले जानी चाहिए ताकि हम समय-समय पर पानी पीते रहें। खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए घर में बने पेय जैसे ओ. आर. एस. घोल, नारियल पानी, लस्सी, चावल का पानी, नींबू पानी, आम के पन्ना आदि का उपयोग करें। रेडियो, टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से स्थानीय मौसम और तापमान के अपडेट के साथ बने रहना सुनिश्चित करें। संपर्क करना सुनिश्चित करें कि अपने घर को ठंडा रखें पर्दे के शटर आदि का उपयोग करें। तेज गर्मी में कठिन गतिविधियाँ न करें उच्च प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों से बचें बासी भोजन। शराब, चाय, कॉफी और कैफ़ीन युक्त शीतल पेय से बचें क्योंकि वे दोपहर में शरीर को निर्जलीकृत करते हैं जब दिन होता है। तापमान अधिक होने पर खाना पकाने से बचें और रसोईघर को हवादार रखने के लिए खिड़कियां और दरवाजे खुले रखें।