पेड़ पोधो की कटाई से होने वाला नुकसान

जिस प्रकार से जल ही जीवन है उसी प्रकार से वृक्षारोपण की जीवन का आधार

नमस्कार, मैं आशीष हूँ और आप अंबेडकर नगर मोबाइल वाणी सुन रहे हैं कि पर्यावरण को कैसे स्वच्छ रखा जाए हमें पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए कुछ उपाय करने चाहिए। पर्यावरण स्वच्छ होना चाहिए क्योंकि हमारा जीवन पर्यावरण द्वारा संरक्षित है। यदि पर्यावरण स्वच्छ नहीं है, तो हम अच्छी तरह से नहीं चल सकते हैं, और हम खुद को या अपने बच्चों को स्वस्थ नहीं रखेंगे। हमें क्या करना चाहिए? लोगों को सबसे पहले सूती कपड़े या कागज के थैले का उपयोग करना चाहिए। प्लास्टिक का उपयोग हमारे द्वारा बहुत कम किया जाना चाहिए। फर्श को रोजाना साफ करने के लिए पानी को फिनाइल-मुक्त पोंछें। जब हम हर दिन अपने फर्श की सफाई करते हैं, तो हमें फर्श को धोना चाहिए और पानी की एक बाल्टी छिड़ककर पानी बर्बाद नहीं करना चाहिए। हमें इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि दाल सबजी चावल धोने के बाद इकट्ठा होने वाले पानी को बर्तनों और पैनों में डाल दिया जाए और बाहर न फेंका जाए। कुछ लोग पानी भी बाहर फेंक देते हैं। कचरा जलाने के लिए ऐसा न करें। अपशिष्ट को पुनर्नवीनीकरण करने के बजाय हमें उस अपशिष्ट को पुनर्नवीनीकरण करने की आवश्यकता है जिसे हम जलाते हैं। खुले में कचरा फैलाने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। लोगों को समझाना चाहिए। जो नहीं समझते हैं, उन्हें कानूनी प्रक्रिया के बारे में बताया जाना चाहिए, अपशिष्ट प्रबंधन पर शोध कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, प्लास्टिक, कांच, धातु और कागज का पुनः उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। शुरुआत में जैव अपघटनीय वस्तुओं को कचरे से अलग किया जाना चाहिए, घर में बनी सब्जियां, फल, अनाज जानवरों को खिलाया जाना चाहिए, भोजन का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए, बचा हुआ भोजन गरीबों में बांटा जाना चाहिए। इधर-उधर नहीं थूकना चाहिए, सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करना चाहिए, सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए, शहरी ठोस कचरे का निपटान करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

वृक्ष हमारे जीवन का मूल आधार है दृश्य में ऑक्सीजन मिलते हैं वृक्ष से ही बरसात होती है वृक्ष से ही फल फूल मिलते हैं वृक्ष से ही ऑक्सीजन मिलता है जो कि हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है वृक्ष के अनेकों प्रकार के लाभ हैं तो आईए जानते हैं कौन-कौन से लाभ हैं

हमारी सूखती नदियां, घटता जल स्तर, खत्म होते जंगल और इसी वजह से बदलता मौसम शायद ही कभी चुनाव का मुद्दा बनता है। शायद ही हमारे नागरिकों को इससे फर्क पड़ता है। सोच कर देखिए कि अगर आपके गांव, कस्बे या शहर के नक्शे में से वहां बहने वाली नदी, तालाब, पेड़ हटा दिये जाएं तो वहां क्या बचेगा। क्या वह मरुस्थल नहीं हो जाएगा... जहां जीवन नहीं होता। अगर ऐसा है तो क्यों नहीं नागरिक कभी नदियों-जंगलों को बचाने की कवायद को चुनावी मुद्दा नहीं बनाते। ऐसे मुद्दे राजनीति का मुद्दा नहीं बनते क्योंकि हम नागरिक इनके प्रति गंभीर नहीं हैं, जी हां, यह नागरिकों का ही धर्म है क्योंकि हमारे इसी समाज से निकले नेता हमारी बात करते हैं।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

पतझड़ के मौसम मे पेड़ के पत्ते क्यु झड़ जाते हैं

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.