किसी जंगल में उल्लू रहता था उसे दिन में कुछ दिखाई नहीं देता था

दीनपुर गांव में सोहन नाम का एक हवाई रहता था। वह खूब बढ़िया और स्वादिष्ट मिठाई बनाने के लिए जाना जाता था।

भूखी चिड़िया की कहानी सालों पहले एक घंटा घर में

किसी जंगल में एक शेर अपनी शेरनी के साथ रहता था।

बड़े जंगल में एक बंदर और खरगोश रहते थे।

सालों पहले पीतल नगर में एक किसान रहता था।

एक पहाड़ी के नीचे रामगढ़ नामक एक गांव था गांव के सारे जानवर हरी घास खाने के लिए सुबह इस पहाड़ी जंगल में जाते और शाम होते-होते घर वापस आ जाते थे।

Transcript Unavailable.

नमस्कार दोस्तों , नमस्कार , मैं मोहित सिंह हूँ , आप सभी का स्वागत है । साथियों , आज की कहानी का शीर्षक है भूल गए सातानी , एक शहर की एक छोटी सी गली के अंत में एक घर । शैतान राम उसमें रहता था , उसके नाम की तरह , उसका काम भी था , वह हर समय सभी को प्रताड़ित करने का आनंद लेता था , उसके घर के लोग उसे समझाते थे , लेकिन आदत से मजबूर शैतान राम को समझ नहीं आता था । हालाँकि उनका असली नाम सुंदर था , लेकिन उनकी आदतों के कारण उनका नाम शैतान राम रखा गया । एक समय की बात है , उनके घर में हर कोई कहीं बाहर था । शैतान राम घर में अकेला था । गली के एक घर में एक मुर्गा और उसके कुछ दोस्त रहते थे । शैतान राम अक्सर उन्हें परेशान करता था । कभी - कभी वह मुर्गे को उठाकर एक कमरे में बंद कर देता था । कभी - कभी वह मुर्गे के गले में रस्सी बांधकर घुमाता था । दुर्गा मुर्गी ने सोचा कि शैतान राम को सबक सिखाया जाना चाहिए , उन्होंने अपने कुछ साथियों से बात की , हर कोई उनकी मदद करने के लिए तैयार हो गया , इसलिए मुर्गी मुर्गी अपने कुछ दोस्तों को साथ ले गया । वुहा और कैंची सुई और गुलदस्ता लेकर शैतान राम के घर पहुंची , वे सभी धीरे - धीरे घर के अंदर चले गए । घर में कोई नहीं था । शायद शैतान राम कहीं चला गया था । हम शैतान राम की प्रतीक्षा करेंगे । सब मिलकर बिल्ली अपनी रसोई में चली गई और छिप गई । माउस हाथ से मुँह धोने वाले नल के ऊपर बैठा था । अंडा उनके तौलिए में पड़ा हुआ था । कैंची सोफे के ऊपर रखी हुई थी । सुई उनके तकिए में अटक गई । अपने लिए जगह बनाई और गुलदस्ता गया और दरवाजे के ऊपर बैठ गया । मुर्गे और मुर्गी दरवाजे के ठीक बाहर खड़े थे । जैसे ही शैतान राम दूर से प्रकट हुआ , मुर्गे ने घर के अंदर डेरा डाल दिया । उनकी आवाज़ सुनकर , उनके सभी साथी सतर्क हो गए । मुर्गा मुर्गा के पीछे भागा । शैतान राम मुर्गे के पीछे भागकर रसोई में चला गया । जैसे ही वह रसोईघर में पहुँचा , शैतान राम उसके पीछे भागा । अँधेरे में बिजली उन पर कूद पड़ी , घबरा गई और आटे के डिब्बे में गिर गई । वे अपने चेहरे धोने के लिए नल की ओर भागे । उनकी आँखों में आटा चला गया था । जैसे ही नल खोला गया , वे ठीक से देख भी नहीं पाए । उसने अपना हाथ बढ़ाया , चूल्हा उसकी उंगली में कसकर काट दिया , दर्द से चिल्लाया और अपनी आँखें साफ करते हुए तौलिए धोने लगा , और जैसे ही उसने तौलिया से अपना मुँह माँगा , अंडा उसके मुँह पर घूम गया । वे सोफे पर गए और बैठ गए , लेकिन इधर - उधर कैंची पहले से ही उनका इंतजार कर रही थी । हुई और शैतान राम की हालत खराब थी , वे घबरा गए और जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला , पीतल का गुलदस्ता उनके सिर पर गड़गड़ाहट के साथ गिर गया । उन्हें देखकर शैतान राम बेहोश हो गया और वहाँ गिर गया । जब वह आया तो उसका पूरा घर बिखरा हुआ था । आज वह समझ गया कि किसी को परेशान करने के लिए पैसे खर्च करने पड़ते हैं । उस दिन के बाद , शैतान राम ने कभी किसी को परेशान नहीं किया । धीरे - धीरे उनकी सैतानियाँ भूलने लगीं । आज भी वह

नमस्कार दोस्तों , नमस्कार , मैं महेश सिंह हूँ । मैं आप सभी का स्वागत करता हूं । मोबाइल वाणी अम्बेडकर नगर न्यूज में है । तो दोस्तों , आज की कहानी का शीर्षक है कभी झूठ मत बोलो । बाजार में किसान दुकानदारों की भारी भीड़ थी । सभी व्यापारी वहाँ थे , बहुत सारी बैलगाड़ी , घोड़े की गाड़ी , ऊंट की गाड़ी , राजा भी वहाँ आने वाला था । अस्तबल में घोड़े के एक छोटे बच्चे का जन्म हुआ । घोड़े का बच्चा उठने और चलने की कोशिश कर रहा था । वह वहाँ आया और देखा कि उसका प्यारा बच्चा घोड़ा गायों और बैलों के बीच खड़ा था । उसने बच्चे को पकड़ने के लिए अपना हाथ बढ़ाया , लेकिन फिर गाय का मालिक वहाँ आ गया । उन्होंने कहा , " आप क्या कर रहे हैं ? रहा है घोड़े वाला बोला है , तुम क्या कह रहे हो , यह घोड़े का बच्चा है , यह मेरे घोड़े का बच्चा है , यह मेरा बच्चा है , यह मेरी गाय का बच्चा है । फिर दोनों के बीच झगड़ा होता है , फिर राजा वहाँ आया । गाय का मालिक और घोड़े का मालिक राजा के पास आया और अपनी कहानी सुनाई । राजा ने उन दोनों की बात सुनी और कहा कि बच्चा गाय और बैल के बीच होना चाहिए । मैंने महसूस किया कि आप सुरक्षित हैं , इसलिए वे इसके माता - पिता हैं । घोड़े के मालिक को राजा की आज्ञा माननी पड़ती थी । उसने घोड़े के बच्चे को चरवाहे को दे दिया । कुछ दिनों बाद राजा अपनी गाड़ी में कहीं जा रहे थे । एक आदमी को सड़क के बीच में मछली पकड़ने का जाल बिछाते हुए देखा । राजा ने सोचा कि यह कोई आदमी है । उसने गाड़ी को सड़क के किनारे रोक दिया और उस आदमी को अपने पास बुलाया । राजा ने उससे पूछा कि वह क्या कर रहा है । वह आदमी क्यों लेटा हुआ है , वह कहता है , महोदय , मैं सड़क पर मछली , मछली , मछली पकड़ रहा हूँ , क्या आप चले गए हैं ? राजा ने उससे पूछा , ' महोदय , क्या एक गाय और एक बैल एक छोटे घोड़े के पास जाते हैं । ' अगर मैं जन्म दे सकता हूं , तो मैं सड़क पर मछली क्यों नहीं पकड़ सकता । महाराज ने ध्यान से देखा । अब उसने उस व्यक्ति को पहचान लिया या किसी और को नहीं । वह उस घोड़े का मालिक था जो उसे बाजार में मिला था । उन्होंने तुरंत अपने सैनिकों को आगे भेज दिया । गाय को बैल के मालिक को बुलाने का आदेश दें । गाय के मालिक को तुरंत घोड़े के बच्चे को वापस करना पड़ा । उसे झूठ बोलने की सजा भी दी गई थी । उस दिन से एक महीने तक उन्होंने अपनी गाय को ताज़ा दूध दिया ।