गेहूँ की बोरी मे माचिस की तीली डालने से क्या होता

उत्तर प्रदेश राज्य, अम्बेडकरनगर जिला से डॉली मोबाइल वाणी के माध्यम से एक सुन्दर कहानी सुना रहीं हैं

सामने वाले की इन आदतो से जाने उनके मन की बात

Download | | Get Embed Code

Transcript Unavailable.

उत्तरप्रदेश राज्य के आंबेडकर नगर से आशीष श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि घरेलू हिंसा के बारे में सुना है जहाँ तक हमें लगता है कि घरेलू हिंसा का मुख्य कारण समाज की निरक्षरता है क्योंकि अगर हम कानून पर शासन करते हैं तो समय आ जाएगा । समय - समय पर , कोई न कोई नियम कानून बन जाता है , इसका सख्ती से पालन किया जाता है और कभी - कभी ऐसा नहीं होता है , लेकिन हमारे अनुसार , इसे कैसे भी समाप्त किया जाए , कोई भी नियम कानून बन जाएगा । कुछ लोग इतने क्रूर होते हैं कि वे किसी भी कानून के शासन से डरते नहीं हैं , भले ही उन्हें फांसी दी जाए , वे घरेलू हिंसा करने में विश्वास नहीं करते हैं । हिंसा का सबसे बड़ा मुख्य कारण अभी भी समाज की निरक्षरता है । हमें या सरकार को एक ऐसी योजना बनानी चाहिए जो महीने में कम से कम दो बार या लगभग हर साल काम करे । इस बारे में हर हफ्ते एक बैठक होनी चाहिए और लोगों को समाज को शिक्षित करना चाहिए ।

आज अम्बेडकरनगर मंडी में ताजा फलों का भाव जाने ।

अंबेडकर नगर मंडी में जाने ताजा सब्जियों का भाव क्या रहा।

आज फिर से मैं यहां आप लोगों के लिए एक बहुत ही गंभीर मुद्दे पर चर्चा करने आया हूं और यही शिक्षा का महत्व है । आखिरकार , शिक्षा का क्या महत्व है , किसी व्यक्ति के जीवन में शिक्षा का कितना महत्व है , किसी व्यक्ति के जीवन में शिक्षा होने या न होने में क्या लगता है ? हमारे देश की प्रगति के लिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है । हमारे देश में गांवों के लोग शहरों की तुलना में कम शिक्षित हैं । शिक्षा हमारे अपने देश की प्रगति में सहायता करती है । एक व्यक्ति को समाज में भी बहुत सम्मान मिलता है , हम शिक्षा के माध्यम से जीवन में बहुत सफलता प्राप्त कर सकते हैं , इसलिए हमारे और समाज के लिए शिक्षित होना बहुत महत्वपूर्ण है । इसमें ऐसा क्या है कि इसमें कई मुद्दे हैं , शिक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है , लड़कियों के लिए शिक्षा का क्या महत्व है , शिक्षा का कितना महत्व है , आधुनिक योग युग में इस समय शिक्षा का क्या महत्व है , समाज में शिक्षा का क्या महत्व है । आज के युग में अगर कोई व्यक्ति शिक्षित नहीं है , तो उसे जीवन जीने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है , जैसे पढ़ाई करना मानवीय है । एक किसान के जीवन में , यह बहुत महत्वपूर्ण है । गरीब से गरीब भी अपने बच्चों को शिक्षित करके अधिकारी बनाने का सपना देखता है । अगर कोई बच्चा फैसला करता है , तो उसे बहुत कुछ लिखना चाहिए और डॉक्टर , वकील , जज या यूपीएससी की परीक्षा देनी चाहिए । कोई भी बड़ा अधिकारी बन सकता है । आज के युग में अगर कोई व्यक्ति शिक्षित नहीं है , तो बाहरी दुनिया में कोई भी उसे कोई सम्मान नहीं देगा । हमारे देश में ऐसे लोग हैं जो बेटियों को पढ़ाते हैं । शिक्षा के लिए पढ़ाने में विश्वास न करें और अपने बेटों को बहुत कुछ सिखाएं , इसलिए हमें जीवन में सभी के लिए शिक्षा के महत्व को बहुत ध्यान में रखना चाहिए । भारत में लड़कियों की शिक्षा का प्रमाण लड़कों की तुलना में कम है । भारत के लोग लड़कियों को शिक्षित करने में ज्यादा विश्वास नहीं करते हैं , उनका मानना है कि लड़कियां ऐसा करेंगी , इसलिए हम उनसे बाद में शादी करेंगे । उसे यह भी पता होना चाहिए कि वह चूल्हा चौक की देखभाल करेगी , वह चूल्हा चौक की देखभाल करेगी , वह बच्चे की देखभाल करेगी , लेकिन वह बच्चे को भी थोड़ा देगी क्योंकि अगर एक महिला शिक्षित है , तो वह दो कुलों से है । मतलब सम्मान बढ़ेगा और अगर वही व्यक्ति , अगर एक बेटा शिक्षित है , तो केवल एक पुल का नाम बढ़ाएगा , तो उन लोगों को भी यह पता होना चाहिए । के के लोग लड़कियों को ज्यादा पढ़ाने में विश्वास नहीं करते हैं , वे स्कूल तक पढ़ाते हैं और लड़कियों की शादी कराते हैं , लड़कियों की शिक्षा उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी लड़कों का हर इंसान को पढ़ने और लिखने का अधिकार । हम लड़कियाँ हैं । माता - पिता को शिक्षा के महत्व को समझना चाहिए और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के विचार को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करना चाहिए । हमारा देश सावित्री बाई फुले जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के लिए जाना जाता है । और अगर हम उसी देश में लड़कियों को शिक्षित नहीं करेंगे तो हमारे देश की प्रगति टूट जाएगी , हमारा देश कभी भी पूरी तरह से विकसित नहीं होगा और प्रगति की कमी के कारण हमारा देश बाकी देशों से पीछे रह जाएगा । शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है । व्यक्ति के पास कम से कम स्नातक की डिग्री होनी चाहिए । बिना डिग्री के हमें अच्छी नौकरी नहीं मिलेगी । कोई हमें सिखाएगा । भारत बढ़ेगा । भारत को और अधिक प्रोत्साहित किया जाना चाहिए । अगर हम शिक्षित होते हैं , तो हमारा व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है , लोग हमें सम्मान के साथ देखते हैं , हमें अच्छी शिक्षा के कारण अच्छी नौकरी मिलती है , और एक अच्छी नौकरी को केवल अच्छा वेतन ही मिलेगा । हम अपने देश में एक अच्छा जीवन जीने का कारण डॉ . बी . आर . अम्बेडकर जैसे लोग थे जिन्होंने हमारे स्वतंत्र भारत का संविधान लिखा था ।

एक गंभीर मुद्दे पर चर्चा करने आया हूँ । युवाओं के लिए रोजगार एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है जिस पर सरकार को भी चर्चा करनी चाहिए और सभी को चर्चा करनी चाहिए और सरकार को भी इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए । आखिरकार , वे बेरोजगार क्यों हैं , उन्हें रोजगार मिलना चाहिए या नहीं , क्योंकि उनके भी अपने परिवार के सदस्यों और अपने अर्थ के प्रति कई जिम्मेदारियां हैं । अगर उन्हें भी जीवन में आगे बढ़ना है तो उनका भी अपना मतलब होना चाहिए , इसलिए आज आप जानते हैं कि युवा बेरोजगार हैं , भारत जैसे बड़े और विकासशील देश में बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है । इसके अलावा शिक्षित युवाओं के लिए बेरोजगारी एक अभिशाप बन गई है । आज हमारे देश के अधिकांश युवा शिक्षित हैं , लेकिन फिर भी उनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं है । बेरोजगारी देश की एकमात्र समस्या है । यह न केवल आर्थिक विकास के लिए एक बड़ी बाधा है , बल्कि इसका समग्र रूप से समाज पर विभिन्न प्रकार के नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है , व्यक्तिगत रूप से , जब किसी देश की नियोजित आबादी का अनुपात उसके पास नौकरियों की संख्या से कम होता है । बेरोजगारी की समस्या रोजगार के अवसरों से कम है । बेरोजगारी की बढ़ती समस्या लगातार हमारी प्रगति , शांति और स्थिरता के लिए एक चुनौती बन जाती है और हमारे देश में बेरोजगारी के कई कारण हैं । जिस तरह सबसे बड़ा कारण जिसमें शिक्षा का महत्व शिक्षा की कमी है , बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण बड़ी संख्या में निरीक्षण हैं , वैसे ही हमारे पास अभी भी बहुत सारे निरीक्षण हैं । आपको ऐसे कई लोग मिलेंगे जिनके पास शिक्षा की कमी है । भारत की दो हजार ग्यारह की जनगणना के अनुसार , निरक्षरों की बड़ी संख्या बेरोजगारी के सबसे बड़े कारणों में से एक है । साक्षरता दर पचहत्तर अंक शून्य छह प्रतिशत है जो एक हजार नौ सौ सैंतालीस में केवल अठारह प्रतिशत थी जिसका अर्थ है कि साक्षरता दर उन्नीस सौ सैंतालीस में अठारह प्रतिशत थी जो अब बढ़कर दो हजार ग्यारह हो गई है । पचहत्तर अंक शून्य छह प्रतिशत हो गया है , भारत की साक्षरता दर विश्व की साक्षरता दर की तुलना में चौरासी प्रतिशत कम है , जो कि भारत की साक्षरता दर है , और ये आंकड़े महिलाओं तक ही सीमित नहीं हैं । सांख्यिकीय स्थिति कुछ अलग है । भारत में शिक्षा के मामले में पुरुषों और महिलाओं के बीच एक बड़ा अंतर है , जहां पुरुष साक्षरता दर बयासी दशमलव चार प्रतिशत है और महिला साक्षरता दर केवल पैंसठ दशमलव छह है । छियालिस प्रतिशत में दो दोषपूर्ण शिक्षा प्रणालियाँ भी बेरोजगारी बढ़ाने के लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं , जिनमें नकली डिग्री वाले लोगों से लेकर सरकारी दान तक शामिल हैं । नौकरी मिलने के कुछ समय बाद , उन्हें उनके एक्सपोजर के स्तर के कारण निकाल दिया जाता है । एक अन्य कारण शिक्षित बेरोजगारी है । इसका क्या होता है ? बेरोजगारी आधुनिक समाज की मुख्य समस्या है । इसने समाज को बुरी तरह से जकड़ लिया है लेकिन शिक्षित बेरोजगारी भारत के लिए एक बड़ी समस्या है और एक गंभीर मुद्दा बन गया है जहां लोग शिक्षित बेरोजगारों के बीच भ्रम और भटकाव पैदा करते हैं । जिसके कारण अधिकांश युवा जो तनाव में हैं , शिक्षित बेरोजगारी की समस्या सबसे अधिक परेशान करने वाली है क्योंकि लोगों के मन में यह है कि हमारे पास शिक्षा भी है , फिर भी हम बेरोजगार हैं । हर साल बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय - शिक्षित युवा रोजगार के क्षेत्र में प्रवेश करते हैं , लेकिन फिर भी उन्हें केवल निराशा ही मिलती है । जो एक बड़ा मुद्दा है , युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए या नहीं , इस पर आपकी क्या राय है , आपको भी इसके बारे में सोचना चाहिए और हमारी केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को भी इसके बारे में सोचना चाहिए ।

इस समय गर्मी शुरू हो गई है , फिर भी कुछ लोग लापरवाही बरत रहे हैं क्योंकि जगह - जगह कचरा इकट्ठा किया जाता है । तैरना और मच्छर हैं जो मनुष्यों के लिए बहुत हानिकारक हैं , इसलिए यह कहना कि लोगों को इस समय मच्छरों से बहुत अधिक सुरक्षा की आवश्यकता है , जब भी सूँघते हैं तो मच्छर के काटने का उपयोग करना है । हमें दोनों तरफ से सफाई का उपयोग करना है , अपने सभी कुलर आदि को ठीक से साफ करना है , कहीं भी गंदगी नहीं होनी चाहिए क्योंकि अगर गंदगी होगी तो थोड़ा सा कचरा होगा , तो मच्छर और मच्छर ज़रूर होंगे जो मच्छरों से ढेर हो जाएंगे ।