नमस्कार दोस्तों , मैं महेश सिंह हूं , आप सभी का स्वागत है । मोबाइल वडानी अम्बेडकर नगर न्यूज में है । तो दोस्तों , आज की कहानी का शीर्षक है ईमानदारी । एक गाँव में श्यामू नाम का एक किसान रहता था , जो स्वभाव से बहुत अच्छा था । उनके पास एक खेत था जो बहुत छोटा था जिसके कारण उनका बड़ा परिवार मुश्किल से जीवित रह सकता था । श्यामू ने अपने खेत में बहुत मेहनत की लेकिन छोटे खेत के कारण कुछ ही घंटों में काम खत्म हो जाएगा । उसके बाद वह खाली रहता था । काम के बाद श्यामू के लिए वह खाली समय बिताना भारी होता था , इसलिए उसने एक दिन सोचा कि इस खाली समय में गाँव के सेठ जी के खेत में काम क्यों न किया जाए , इससे घर में खाली समय और पैसा भी कम हो जाएगा । पैसों की कमी भी दूर होगी , गाँव के सेठ जी बहुत अच्छे इंसान थे । श्यामू जब उनके पास काम मांगने गया तो सेठ जी ने कहा , ' आपको मेरे खेत में काम करने की जरूरत नहीं है । आज से मैं आपको पूरे खेत की जिम्मेदारी देता हूं । श्यामू सेठजी के अच्छे व्यवहार से बहुत खुश था और अगले ही दिन उसने उनके खेत में काम करना शुरू कर दिया । वह हर सुबह सबसे पहले अपना खेत खत्म करता और फिर सेठजी के खेत में जाता । एक दोपहर काम पर जाते समय , जब श्यामू सेठजी के खेत की जुताई कर रहा था , जब उसने मिट्टी निकाली तो उसका पैर एक कठोर वस्तु से टकरा गया । एक मटका था जिस पर एक लाल कपड़ा बंधा हुआ था । श्यामू पहले थोड़ा डर गया , लेकिन फिर भी उसने थोड़ा साहस के साथ मटके पर बंधा कपड़ा हटा दिया । जैसे ही उन्होंने मटके के अंदर देखा , उनके आश्चर्य के लिए कोई जगह नहीं थी । उसमें सोने के कई आभूषण थे । हुमु को अब पता नहीं था कि कीमती या गहनों का क्या करना है , एक तरफ उसने सोचा कि किसी बेहतर को बेचकर वह अपने घर में पैसे की कमी को हमेशा के लिए खत्म कर देगा , और दूसरी तरफ उसने सोचा कि जमीन सेदरी की है । लंबे समय तक उलझन में रहने के बाद आखिरकार वह सेठजी के घर गए और सेठजी को पूरी कहानी सुनाई और मटका उनके सामने रख दिया । भूषण , मैं कई वर्षों से इसे खोजने की कोशिश कर रहा था , मुझे नहीं पता था कि यह कहाँ बनाया गया था । अचानक इसे ढूंढने से मुझे बहुत फायदा हुआ है । इस काम के लिए आपको बड़ा इनाम मिलना चाहिए । खेत में काम करो , यह मेरे लिए बहुत बड़ा काम है और मुझे कोई नाम नहीं चाहिए श्यामू ने हाथ जोड़कर सेठ जी से आग्रह किया , फिर सेठ जी ने कहा , श्यामू मुझे पता है कि आप बहुत मेहनती और ईमानदार हैं लेकिन आपको नाम स्वीकार करना होगा । सेठ जी थोड़ी देर रुक गए और फिर बोले , आप जिस खेत में काम कर रहे हैं , वह आज से आपका है , आप उसके मालिक हैं । यहां सेठ जी के मुँह से बात करने के बाद श्यामू खुशी से कूद पड़ा और उसकी आँखों से खुशी के आँसू बहने लगे ।