पंथनिरपेक्ष एवं समाजवादी शब्द को हटाना भूल गया मनसा संसद के सदस्यों को बांटी गई प्रशन से जो शब्द हटाए गए उनका महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि वर्तमान में जो डाल सकता में है उनकी और उनकी वैचारिक संगठन को हमेशा से इन शब्दों से बह रहा है यह सही नहीं है क्योंकि सरकार केंद्र की सरकार वही करती है जो देश और समाज के लिए हित में है तो हम इसे भूल ही मानते हैं।