इस भीषण गर्मी से बचना है तो इन बातों का हमेशा ध्यान रखना है। नियमित रूप से पानी पीना, भोजन में पौष्टिक तत्व और ठंडी चीज़ों को शामिल करना और हल्का भोजन करना। अगर आपने इस भीषण गर्मी से बचने के लिए कोई खास तरीका अपनाया है या फिर अपने भोजन में किसी तरह की कोई खास चीजें शामिल की हैं, जिससे कि इस भीषण गर्मी में कुछ राहत मिल सके, तो अपने ये उपाय सभी के साथ जरूर बांटें।

दोस्तों मानव शरीर के निर्माण में भोजन एक महत्वपूर्ण तत्व है। प्रकृति ने कई प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाए हैं जो महत्वपूर्ण और आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त कोशिकाओं और शरीर के ऊतकों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं, तभी तो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन करने की आवश्यकता होती है। साथियों, दुनिया भर में दूषित भोजन खाने से लाखो लोग मौत मुंह में समां जाते हैं।यह दिवस लोगों को याद दिलाता है कि शुद्ध और सुरक्षित भोजन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है और यह सभी लोगों का अधिकार भी है। हर साल UN फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (FAO) एक थीम निर्धारित करता है जिसके तहत विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है।इस वर्ष World Food Safety Day 2024 की थीम है, ‘सुरक्षित भोजन बेहतर स्वास्थ्य’. तो साथियों आइए हम सब मिलकर विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाये और हर दिन शुद्ध और सुरक्षित भोजन का सेवन करें। धन्यवाद !!

हांगकांग के फूड सेफ्टी विभाग सेंटर फॉर फूड सेफ्टी ने एमडीएच कंपनी के मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला मिक्स्ड पाउडर और करी पाउडर मिक्स्ड मसाला में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड पाया है और लोगों को इसका इस्तेमाल न करने को कहा है. ऐसा क्यों? जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

मेरा नाम बसंती कुमारी है और मैं पेंड्रा रांची से हूँ और मैं आज आपको कच्चा पपीता का हलवा देने जा रहा हूँ ।कच्चा पपीता -मीडियम आकार का एक ,250 ग्राम क्रीम युक्त दूध ,एक छोटा चम्मच नारियल बुरा ,किशमिश,काजू ,बादाम -10 -15 एक कप गुड़ ( पाव ), इलायची पाउडर एक छोटा चम्मच ,घी स्वादानुसार बनाने की विधि -सबसे कच्चे पपीते को धो ले ,उसके अंदर काट कर निकाल ले ,और कद्दूकस कर ले। एक कड़ाही में घी गर्म करे और कद्दूकस किया हुआ पपीता दाल कर माध्यम आंच पर धीमे धीमे मुलायम,होने तक भुने। काजू तैयार कर लेंगे उसके बाद भुने हुए पपीता में दूध डाल कर गाढ़ा होने तक अच्छी तरह से पका लेंगे ,अब एक बर्तन में थोड़ा सा पानी लेकर उसमे गुड़ डाल कर उसे पतला कर लेंगे ,जब कड़ाही से घी छोड़ने लगे और पपीता दूध अच्छे से मिक्स हो कर गाढ़ा हो चूका हो तक इसमें गुड़ डाल देंगे ,अब इसे 15 मिनट तक मिलते रहेंगे जिससे ये कड़ाही पर चिपके नहीं अगर थोड़ा चिपकता है तो दो चम्मच और घी डाल सकते है और इसे अच्छी तरह मिलाकर उतार लेंगे और इसमें मेवे और इलायची पाउडर डाल कर मिक्स कर देंगे। तैयार हो गया कच्चा पपीता का हलवा। -

फुटकल की चटनी बनाने की विधि बताने जा रही हूँ। यह झारखण्ड के जंगलो में पाया जाना वाला एक पेड़ है जिसकी कोपल पत्तियां जब तक नहीं खिलती है तब तक इसका इस्तेमाल खाने के विभिन्न रूपों में होता है देखने में यह एक कोपालनुमा दीखता है। इसमें विटामिन सी पाया जाता है। फुटकल -100 ग्राम लहसुन की कलियाँ - 6-7 हरी मिर्च -3 सरसो तेल -एक चम्मच नमक -स्वादानुसार  बनाने की विधि - सबसे पहले फुटकल को अच्छी तरह से धो कर साफ़ कर लेंगे उसके बाद उसकी आगे की और पीछे के पार्ट जो डंढ़लनुमा रहती है उसको को कट  निकाल देंगे। अब इसे एक बर्तन में तीन बड़े कप  से पानी डाला कर आँच पर रख देंगे अब इसमें सारे फटकल को दाल कर 10 से 15 मिनट तक उबालेंगे। जब इसमें उबाल आ जय तब इसे ठंडा करेंगे और इसे पानी से निकाल कर छान लेंगे और थोड़ी देर के लिए ठंडा होने देंगे ,जब ये ठंडा हो जाय उसके बाद मिक्सी या सिलबट्टे पर इसमें नमक,हरी मिर्च ,लहसुन की कलियाँ के साथ पीस लेंगे।चटनी को महीन पिसेंगे तभी चटनी खाने में अच्छी लगेगी।पीस कर इसे एक कटोरे या किसी भी बर्तन में निकल लेंगे और इसमें एक चम्मच सरसो तेल कच्चा डाल कर मिला लेंगे ,लो फुटकल की चटनी तैयार हो गयी। आपको बताना छाएंगे की ये बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक है और इसमें विटामिन सी पाया जाता है और ये पेट को ठंडक प्रदान करता है। 

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है। सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

खाने की सामग्री

भारत गंभीर भुखमरी और कुपोषण के से जूझ रहा है इस संबंध में पिछले सालों में अलग-अलग कई रिपोर्टें आई हैं जो भारत की गंभीर स्थिति को बताती है। भारत का यह हाल तब है जब कि देश में सरकार की तरफ से ही राशन मुफ्त या फिर कम दाम पर राशन दिया जाता है। उसके बाद भी भारत गरीबी और भुखमरी के मामले में पिछड़ता ही जा रहा है। ऐसे में सरकारी नीतियों में बदलाव की सख्त जरूरत है ताकि कोई भी बच्चा भूखा न सोए। आखिर बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं।स्तों क्या आपको भी लगता है कि सरकार की नीतियों से देश के चुनिंदा लोग ही फाएदा उठा रहे हैं, क्या आपको भी लगता है कि इन नीतियों में बदलाव की जरूरत है जिससे देश के किसी भी बच्चे को भूखा न सोना पड़े। किसी के व्यक्तिगत लालच पर कहीं तो रोक लगाई जानी चाहिए जिससे किसी की भी मानवीय गरिमा का शोषण न किया जा सके।

एक सामान्य समझ है कि कानून और व्यवस्था जनता की भलाई के लिए बनाई जाती है और उम्मीद की जाती है कि जनता उनका पालन करेगी, और इनको तोड़ने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके उलट भारतीय न्याय संहिता में किये गये हालिया बदलाव जनता के विरोध में राज्य और पुलिस को ज्यादा अधिकार देते हैं, जिससे आभाष होता है कि सरकार की नजर में हर मसले पर दोषी और पुलिस और कानून पूरी तरह से सही हैं।