सच है कि राजीव जी की डायरी बहुत सुनी भी जा रही है और लोगों को पसंद भी बहुत आ रही है मुझे भी पसंद आ रही है क्योंकि राजीव जी की जो भी बातें हैं वह वाकई में दिल को छू लेने वाली शिक्षा को लेकर यह बस सच है की मछली का जीवन जिस तरीके से पानी बगैर बेकार है उसी तरीके से इंसान का जीवन शिक्षा बगैर बेकार है शिक्षा नहीं है तो कुछ भी नहीं है और शिक्षा ही को देख लीजिए जहां तक सरकारी स्कूल जो है उनमें सही से पढ़ाई नहीं की हो रही है जिसके वजह से लोग ज्यादातर प्राइवेट स्कूल में पढ़ना पसंद कर रहे हैं जब सरकार इतनी सुविधा देने के बावजूद सरकारी स्कूलों में पढ़ाई सही से नहीं हो रही है और पढ़ाई में भी हर चीज में परेशान आदमी कहां तक वह यह तो सोचता है कि हम अपने बच्चों को अच्छे से अच्छे शिक्षा दें लेकिन सरकारी स्कूलों के जो टीचर से वह नहीं सोचते कि बच्चों को शिक्षा देना हमारा काम है इसीलिए राजीव की डायरी मुझे तो बहुत अच्छी लगी और हमने जिनको जिनको भी सुनाई उनको भी बहुत अच्छी लगी धन्यवाद राजीव जी और राजीव