इस कार्यक्रम में एक परिवार बात कर रहा है कि कैसे बढ़ती गर्मी से बचा जाए। वे चर्चा करते हैं कि शहरों में ज्यादा पेड़-पौधे लगाने चाहिए, पानी बचाना चाहिए, और लोगों को इन बातों के बारे में बताना चाहिए। और सभी को मिलकर अपने आसपास की जगह को ठंडा और हरा-भरा बनाकर रखना चहिये
यह कार्यक्रम बताता है कि गर्मी में घर को कैसे ठंडा रखा जा सकता है। इसमें एक परिवार पुराने तरीकों जैसे मिट्टी, बांस और छत पर पौधे लगाने के बारे में सीखता है। साथ ही, नए तरीके जैसे खास पेंट भी बताए गए हैं। कार्यक्रम यह संदेश देता है कि ऐसे घर बनाना चाहिए जो गर्मी कम करें और पर्यावरण के लिए अच्छे हों। इस गर्मी में आपका घर कितना गर्म रहता है ? अपने घर को ठंडा रखने के लिए आपने क्या उपाय किये ?
दोस्तों, कुछ ख़ास बातों का ध्यान रखकर इस गर्मी में अपने शरीर के साथ साथ घर को भी बनाएं थोडा ठंडा ठंडा, कूल कूल | कैसे? आइये इस कार्यक्रम में जानते है |
गर्मी की चुनौतियां और समाधान, गर्मी से उत्पन्न समस्याओं और उनके समाधान की जानकारी। स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए व्यावहारिक सुझाव।
गर्मी की लहर के दौरान बाहर काम करने वाले लोगों की सुरक्षा पर आधारित कार्यक्रम। यह कहानी एक परिवार के माध्यम से लू से होने वाले खतरों, चिकित्सा सलाह और सुरक्षा उपायों को दर्शाती है, साथ ही श्रोताओं को जागरूक करने का प्रयास करती है। आपकी राय में इस भीषण गर्मी में किस तरह से बाहर काम करने वाले लोग अपना ध्यान रख सकते हैं? हम किस तरह से इन लोगों की मदद कर सकते हैं?
इस भीषण गर्मी की चपेट में आने से बचना है, तो मौसम विभाग या सरकार द्वारा दी जाने वाली जानकारी और चेतावनी को गभीरता से समझना है और उन बातों का पालन करना है. सावधानी और सतर्कता, इन दोनों बातों का हमें ध्यान रखना है |इस भीषण गर्मी से जुड़ी चेतावनी आपको कहाँ से मिलती है ? चेतावनी सुनने या देखने के बाद आप क्या कदम उठाते है ? आप या आपके आसपास लोग इस भीषण गर्मी से बचने के लिए क्या करते है ?
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गर्मियों के मौसम में गर्म हवाओं और तेज धूप के कारण विभिन्न बीमारियों का खतरा रहता है। निर्जलीकरण या लू लगने और उल्टी की समस्या आमतौर पर देखी जाती है, इसलिए गर्मियों के दिनों में हमें अपने आहार का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। प्रशीतित भोजन खाने से बचें क्योंकि इससे खाद्य विषाक्तता हो सकती है।
उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से साक्षी तिवारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गर्मी के मौसम में सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी है इसलिए गर्मियों में हमें ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए।पानी हमारे शरीर में पोषक तत्वों और ऑक्सीजन की कमी को पूरा करता है और हमें कई बीमारियों से बचाता है।
उत्तर प्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे श्रोता अनोखी से बात किया उन्होंने बताया की देश के अधिकांश राज्य इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में हैं, जिसका असर सब्जियों के उत्पादन पर भी दिखाई दे रहा है। सब्जियों की पैदावार में कमी आई है और किसानों को तीस से पचास प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है।
गर्मी की लहरें शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं। यह गुर्दे, हृदय, फेफड़ों और अन्य हिस्सों को भी प्रभावित करता है। शुष्क जलयोजन के कारण गुर्दे तनावग्रस्त हो जाते हैं। तापमान में लगातार बदलाव के कारण हृदय को अधिक रक्त पंप करना पड़ता है। जो अत्यधिक गर्मी में होने के कारण दिल के दौरे को भी आमंत्रित कर रहा है। गर्मियों में अस्थमा के रोगियों की समस्याएं भी बहुत बढ़ जाती हैं। शुष्क परत या ऊष्मा जाल गर्मियों में सीधे फेफड़ों को प्रभावित करता है। त्वचा के नुकसान के भी बहुत सारे मामले हैं। गर्मियों में, कवक संक्रमण, गर्मी के दाने और भंडारण की समस्याएं काफी हद तक बढ़ जाती हैं। पाचन तंत्र पर भी प्रभाव पड़ता है। गर्मी के जाल मांसपेशियों में ऐंठन की शरीर की शिकायतों को बहुत बढ़ाते हैं। ऐसे में अपने शरीर की देखभाल करें, समय-समय पर पानी पिएं, कार्बोनेटेड पानी के इस्तेमाल से बचें, खाली पेट बाहर न निकलें, अपने खान-पान का ध्यान रखें, जरूरत न हो तो धूप में बाहर न निकलें।