उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से विशाल सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हमारे समाज की महिलाएं अपनी भूमि में जागरूकता, अपनी आवाज और भूमि अधिकारों के लिए अदालत में लड़ती रहती हैं। वह जिन स्थानों पर जाती है, उसके बावजूद उनका काम नहीं होता और उन्हें दर दर की ठोकरे खानी पड़ती हैं। क्योंकि वहाँ जाने के बाद भी, इतने पैसे की मांग होती है कि वह चुपचाप बैठ जाती हैं और तनाव में अपनी जान गंवा देती हैं। हमारे समाज की कुछ घरों के अंदर महिलाएं दिन भर काम करती हैं, शाम को उनके पास खाने के लिए खाना नहीं होता है और वे लड़खड़ाती रहती हैं, इसके बावजूद कहीं उनकी आवाज नहीं आती है और वे तनाव में अपनी जान गंवा देती हैं। हमारे समाज में अत्याचार होने के बावजूद महिलाएं अपनी इज्जत बचा कर घर के अंदर रहती हैं। कुछ घरों में महिलाएं दिन भर काम करती हैं लेकिन शाम में उनके पास भोजन नहीं रहता है। इसलिए हमारे समाज में कानून इतना सख्त हो गया है कि महिलाओं को रोजगार या कोई व्यवसाय प्राप्त करने के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है