उत्तरप्रदेश राज्य के बहराइच जिला से शालिनी पांडेय मोबाइल वाणी के माध्यम से दुर्गेश पांडे से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने बताया कि महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए समता का अधिकार देना होगा महिलाओं के साथ कोई लैंगिक भेदभाव नहीं किया जायगा सभी समान माने जायेंगे लेकिन यह कुछ दुर्भागय था हमारे समाज का या सत्ता के अधिकारीयों का कि उन्होंने उच्च शिक्षा का ध्यान नहीं दिया। हमारा मानना है कि शिक्षा के कारण प्रशासन में वास्तव में हमारी महिलाओं को जागरूक करने की इच्छाशक्ति नहीं थी। अगर शिक्षा का विकेंद्रीकरण होता, अगर उच्च शिक्षा गांव के स्तर पर होती, अगर अच्छे कॉलेज होते, गरीब की महिलाओं को भी उच्च शिक्षा मिल सकती थी. शिक्षा महिलाओं के भीतर नहीं है, इसलिए वे अपने अधिकार नहीं ले पा रही हैं, इससे उनका शोषण हुआ है और इसका मुख्य कारण हमारा सामाजिक और प्रशासनिक ढांचा है, जिसे हम दोष देते हैं और मानते हैं कि यह शिक्षा का केंद्र है। यह शिक्षा का विकेंद्रीकरण नहीं था जिसने महिलाओं को जागरूक किया, उनकी अर्थव्यवस्था समृद्ध नहीं हुई, वे अपने अधिकारों को नहीं जानते थे और शोषण के अधीन थे।