शरीर में देवी-देवताओं का प्रवेश होना बताने वाली महिला द्वारां विशेष आवाज बनाकर निकालना, घूमना, आरती के समय नाचना जेसी गतिविधियां की जाती है। इसी दौरान भक्तों के सवालों के जबाब दिए जाते है। बीमारी तथा दूःख दूर करने के लिए नींबू, धागा, ताबीज़, आदि देकर समस्या से मुक्ति दिलाने का दावा किया जाता है। इस तरह का कार्य करने वाले मांत्रिक-तांत्रिक, भगत, पंडा, बाबा, देवी सभी ढोंगी होते है। देवी-देवता शरीर में आने के संबंध में मनोविज्ञानिकों का कहना है कि यह हिस्टेरिया है। यह मनोविज्ञानिक बीमारी है। जो अकसर उन महिला में या पुरूषों में होती है जो की विशेष परिस्थित से या तनाव से गुजर रहे है। एक्सपर्ट यह भी मानते है कि लगातार किसी मंत्र, भजन, तबले या ढोलक की आवाज की वाईब्रेषन से भी ऐसा होता है। यह आवाजे अंतरमन को सूचनाएं देती है और पहले से ही परेशान महिला या पुरूष अजीब व्यवहार करने लगते है। इसे साईकाॅलाजी की भाषा में पेजेशन सिंड्रोम कहते है।