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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ अशोक झा ऑर्गनिक खेती में केचुवा खाद बनाने की विधि की जानकारी दे रहे है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

नमस्कार आदाब श्रोताओं, मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है रोजगार समाचार यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग  के द्वारा निकाली गई 07 साइंटिफिक ऑफिसर बायोलॉजी के  पदों पर काम करने के लिए इच्छुक हैं।इन पदों पर वैसे उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय से MSc + 2 साल का अनुभव प्राप्त किया हो। इसके साथ ही उम्मीदवार की अधिकतम आयु 21-40 वर्ष होनी चाहिए।आवेदन शुल्क अनुसूचित जाति ,जनजाति,पिछड़ा वर्ग या अन्य अभ्यर्थियों के लिए 250 रूपए और सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए 500 रूपए रखा गया है। इस पद के लिए वेतनमान15,600 - 39,100 प्रति माह किया जाएगा।इस पद के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं ,ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आवेदनकर्ता इस वेबसाइट पर जा सकते हैं। वेबसाइट है mppsc.mp.gov.in.आवेदन कर्ता का चयन  लिखित परीक्षा और इंटरव्यू में प्रदर्शन के आधार पर चयन होगा।याद रखिए इन पदों पर आवेदन करने की अंतिम तिथि  06-12-2023 है।तो साथियों,अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी, तो मोबाइल वाणी एप्प पर लाइक का बटन दबाये साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ भी बाँट सकते हैं।

राजीव जी की डायरी व राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के उपलक्ष्य पर विनोद तिवारी सर से विशेष बातचीत

भारत आज खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर है, लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था, एक समय ऐसा भी देश खैरात में मिले अमेरिका के सड़े हुए गेहूं पर निर्भर था। देश की इस आत्मनिर्भरता के पीछे जिस व्यक्ति की सोच और मेहनत का परिणाम है मनकोम्बु संबासिवन स्वामिनाथन जिसे बोलचाल की भाषा में केवल स्वामीनाथन के नाम से जाना जाता था। कृषि को आत्मनिर्भर बनाने वाले स्वामीनाथन का 28 सितंबर 2023 को 98 साल की उम्र में निधन हो गया। उनका जन्म 7 अगस्त 1925, को तमिलनाडु के कुम्भकोण में हुआ था। स्वामीनाथन को देश में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है, जिन्होंने देश की कृषि विकास में अहम योगदान माना जाता है। कृषि सुधार और विकास के लिए दशकों पहले दिए उनके सुझावों को लागू करने की मांग आज तक की जाती है। हालिया कृषि आंदोलन के समय जब देश भर के किसान धरने पर थे तब भी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग उठी थी, जिसे सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया, जबकि यह वही सरकार है जिसने चुनावों के पहले किसानों को वादा किया था कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का वादा किया था।

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गठबंधन द्वारा बैन किये जाने के बाद के सबसे पहला विरोध इन एंकरों की तरफ से आया ‘जिन्होंने नाखून कटाकर शहीद होने की घोषणा कर दी’, खुद पर लगाए बैन को आपातकाल घोषित कर पत्रकारिता पर हमला तक करार दे दिया। जिन 14 एकंरों पर बैन लगा उनमें से ज्यादातर ने बैन वाले दिन भी अपने प्रोग्राम किये, और अपने प्रोग्राम में विपक्ष द्वारा लगाए गये बैन को गलत बताया लेकिन उनमें से किसी एक ने भी यह बताने कि हिम्मत नहीं कि बैन लगाए जाने के पीछे का कारण क्या है? जबकि दर्शकों को यह बात सबसे पहले बताई जानी चाहिए थी जबकि यह पेशगत ईमानदारी से जुड़ा मसला है।

1947 में जब भारत को आजादी मिली तब सबसे पहला सवाल यही था कि देश का नाम क्या होगा? इसके लिए संविधान सभा ने गहन विचार-विमर्श किया, इस पर कई अलग-अलग बहसें हुईं, कई नामों के प्रस्ताव आए, वोटिंग कराई गई। इस सब के बाद इसका नाम भारत और इंडिया माना गया, उसके बाद देश को नाम मिला ‘India that is Bharat’ इस बात को संविधान के पहले अनुच्छेद में ही स्पस्ट कर दिया गया कि जो इंडिया है वही भारत है। हमारे पूर्वज देश का नाम चुनने को लेकर इतनी मेहनत पहले ही कर चुके हैं, तब 75 साल से ज्यादा के बाद नाम बदलने का फैसला करना या फिर उसके बारे में सोचना कितना सही है।

बीते अगस्त की आखिरी शाम को खबर आई कि सरकार सितंबर महीने की 18-22 तारीख को संसद के विशेष सत्र का आयोजन करेगी, संसदीय कार्य मंत्री ने घोषणा की, लेकिन इस विशेष सत्र का एजेंडा क्या है वह नहीं बताया। विशेष सत्र के आयोजन की खबर के बाद से मीडिया से लेकर राजनीति के हर हल्के में कानाफूसी है कि सरकार ये कर सकती है, वो कर सकती है लेकिन पुख्ता तौर पर कोई भी जानकारी किसी के पास नहीं है कि सरकार क्या करने जा रही है।

हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटों से हो रही लगातार बारिश और बादल फटने की घटनाओं से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रदेश में पिछले 24 घंटे में भूस्खलन और बादल फटने की वजह से 21 लोगों की जानें चली गई हैं, जबकि अभी भी कई लोगों के इसमें फंसे होने की आशंका है। शिमला शहर के समरहिल इलाके में शिव मंदिर में भूस्खलन की वजह से मलबे में से अभी 9 लाशें बरामद कर ली गई हैं।