हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए...

हमारा जन्म मां के गर्भ में होता है, गर्भ में संपूर्ण शारीरिक विकास की प्रक्रियां में हम गर्भ की नाल से जुड़े होते है, यह हमें सुरक्षित रखता है। क्यों कि तब हम पूर्णतः स्वतंत्र होते है, किसी वस्तू की जिज्ञासा नहीं होती है, न भविष्य की कल्पना, न अतित की चिंता होती है। लेकिन जैसे ही मां की गर्भ से बहार आते तब हमारी नाल काटी जाती है तब हमारा संबंध में मा के गर्भ की बहार की दुनिया से जुड़ता है। जहा जिज्ञासा, भविष्य की कल्पना, अतित की चिंता से लेकर अस्तित्व का विषय जुड़ जाते है। गर्भ में हम सुरक्षित महसूस करते थे, लेकिन जैसी ही गर्भ के बहार नई दुनिया में प्रवेश करते तब स्वंय को असुरक्षित महसूस करते है। मां के गर्भ से निकला शिशु प्रारंभिक अवस्था में सामन्य आवाज में भी भयभीत होता है, आवाज की ध्वनी अधिक हो तो वह रोने लगता है। मां के गर्भ से बहार निकलने के बाद शिशु का ब्रेन सामन्यतः पूर्ण खाली होता है, असुरक्षा की भवाना उसके ब्रेन के अर्धचेतन अवस्था में रिकार्ड होने लगती है। इसी असुरक्षा की भावना से भय की शुरूआत यही से होती है।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा, मछली पालन कब और कैसे कर सकते है इस बारे में जानकारी दे रहे है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

हमारे देश में सभी को शिक्षा का अधिकार है लेकिन लड़कियों को इसके लिए कहीं अधिक संघर्ष करना पड़ता है। कई बार घर के काम के बोझ के साथ स्कूल के बस्ते का बोझ उठाना पड़ता है तो कभी लोगों की गंदी नज़रों से बच-बचा के स्कूल का सफर तय करना पड़ता है। जैसे-तैसे स्कूल पहुंचने के बाद भी यौन शोषण और भावनात्मक शोषण की अलग चुनौती है जो रोज़ाना उनके धैर्य और हिम्मत की परीक्षा लेती है। ऐसे में लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के साथ साथ समाज की भी है। तब तक आप हमें बताइए कि * -----लड़कियों के स्कुल छोड़ने के या पढ़ाई पूरी ना कर पाने के आपको और क्या कारण नज़र आते है ? * -----आपके हिसाब से हमें सामाजिक रूप से क्या क्या बदलाव करने की ज़रूरत है , जिससे लड़कियों की शिक्षा अधूरी न रह पाए।

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए...

नमस्कार आदाब श्रोताओं मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है रोजगार समाचार यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो मध्यप्रदेश में जननी फैमिली केयर संस्था में चिकित्सा प्रतिनिधि के पद पर काम करने के लिए इच्छुक हैं। वैसे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते है जिन्होंने फार्मेसी में डिप्लोमा किया हो और साइंस से स्नातक पास किया हो। इस पद के लिए आवेदनकर्ता को स्थानीय भाषा के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा और कंप्यूटर की जानकारी होनी चाहिए । इन पदों पर वेतन नियमानुसार दिया जायेगा जिसमे पीएफ, ईएसआई और आकर्षक प्रोत्साहन शामिल है। साथ ही उम्मीदवार के पास अपना दोपहिया वाहन और वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए इच्छुक उम्मीदवार अपने बायोडाटा इस ईमेल आईडी पर भेज सकते - hr@jananifamilycare.com . बायोडाटा जमा करने की अंतिम तारीख 10 फ़रवरी 2024 है। तो साथियों,अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी, तो मोबाइल वाणी ऐप पर लाइक का बटन दबाये साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ भी बाँट सकते हैं।

दोस्तों, “चलो चलें" इस एपिसोड में में आप सुनेंगे अयोध्या के बारे में, जो अयोध्या के साथ ही साकेत और अवधपुरी भी है। यहाँ आप जानेंगे अयोध्या शहर के इतिहास से लेकर भूगोल तक, खाने के ठिकानों से लेकर घूमने की जगहों तक सबकुछ, जानेंगे उस शहर के बारे में उस शहर के लोगों से कि वे क्या खाते हैं और कहां घूमते हैं ? ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें...

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा सर्दी के मौसम में मुर्गीपालन के लिए जरुरी बातें बता रहे है। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

नियम क्या हैं, ये क्यों बनाए जाते हैं और इनसे क्या बदलता है... इन तीनों सवालों से अक्सर जनता परेशान रहती है, जनता की परेशानी उसे मिलने वाले नित नए सबक के बावजूद भी बनी रहती है। परेशान जनता यह मानना ही नहीं चाहती है नियम उसकी भलाई के लिए ही होते हैं।हमारे देश में नियमों की तब तक ही अहमियत होती है जब तक वे हमारी मौज मस्ती में बाधा नहीं बनते, एक बार अगर ये नियम हमारी मौज मस्ती में बाधा बनने लगते हैं तो हम बिना इनके बारे में सोचे और भविष्य की परवाह किए इनसे बचने की तरकीबें निकालने लगते हैं। दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, क्या आपको भी लगता है कि सरकारों को इस पर पूर्णत प्रतिबंध लगा देना चाहिए, या फिर ऐसे ही थोड़े से पैसे के लालच में उन व्यापारियों को खुली छूट होनी चाहिए जो इसका व्यापार करने में लगे हैं।