"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ अशोक झा ऑर्गेनिक बीज उपचार विधि के बारे में जानकारी दे रहे हैं। सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

आज का दिन है बड़ा महान बनकर सूरज चमका इक इंसान कर गए सबके भले का ऐसा काम बना गए हमारे देश का संविधान जी हाँ दोस्तों,न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक के रूप में पहचाने जाने वालें बाबा साहेब डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को मनाई जाती है। डॉ. बी.आर. अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. बाबासाहेब संविधान निर्माता और आजाद भारत के पहले कानून मंत्री भी थें. देश में उनके योगदान को देखते हुए हर साल उनके जन्मदिन को अंबेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है बाबासाहेब अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है क्योंकि उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के बाद देश के संविधान का निर्माण किया। यह संविधान एक लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में भारत की नींव रखता है। बाबासाहेब अंबेडकर एक महान शिक्षाविद, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और राजनीतिक नेता भी थे जिन्होंने अछूतों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और उन्हें भारतीय समाज में मुख्यधारा में शामिल करने के लिए काम किया। तो आइए श्रोताओं हम सब मिल कर बाबासाहेब अंबेडकर के बनाये गए संविधान का पालन करे और उनके आदर्शो पर चलने का प्रयास करे। मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती पर उन्हें शत शत नमन अर्पित करता है।

महिलाओं की लगातार बढ़ती हिस्सेदारी और उसके सहारे में परिवारों के आर्थिक हालात सुधारने की तमाम कहानियां हैं जो अलग-अलग संस्थानों में लिखी गई हैं, अब समय की मांग है कि महिलाओं को इस योजना से जोड़ने के लिए इसमें नए कामों को शामिल किया जाए जिससे की ज्यादातर महिलाएं इसका लाभ ले सकें। दोस्तों आपको क्या लगता है कि मनरेगा के जरिए महिलाओँ के जीवन में क्या बदलाव आए हैं। क्या आपको भी लगता है कि और अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाना चाहिए ?

जिंदगी के हर पल खुशियों से कम न हो, आप के हर दिन ईद के दिन से कम न हो, ऐसा ईद का दिन आपको हमेशा नसीब हो, जी हां दोस्तों ईद-उल-फितर जिसे आप लोग मीठी ईद के नाम से भी जानते है।आज दुनिया भर में ईद का जश्न मनाया जा रहा है और लोग एक दूसरे के गले लग कर बधाइयाँ दे रहे है और खुशियाँ बाँट रहे है। रमजान के महीने से ही ईद के जश्न की तैयारी शुरू हो जाती है । बच्चों से लेकर बड़ों बूढों तक को ईद का इंतज़ार रहता है। ईद के मौके पर ईदी दिए जाने का रिवाज है। लोग अपने करीबियों को ईद की मुबारकबाद के साथ ईदी के रूप में तोहफे देते हैं ।नए कपड़े पहनते हैं, भव्य दावतें तैयार करते हैं।ईद मुस्लिम समुदाय के खास त्योहारों में से एक है और यह रमजान के आखिरी दिन सेलिब्रेट किया जाता है। ईद हमें एकता और आपसी सौहार्द का संदेश देता है और समृद्ध समाज बनाने के लिए प्रेरित करता है।लोग इसे उत्साह और बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं।तो आइये हम भी इस जश्न का हिस्सा बने और समाज में शांति-सद्भाव और अमन का सन्देश फैलाये। दोस्तों,मोबाइल वाणी परिवार की ओर से आप सभी श्रोताओं को ईद की ढेर सारी बधाईयाँ।

सिविल लाइंस, जो बनाया तो अंग्रेजों के लिए गया था लेकिन वह तो रहे नहीं सो अब हमारे काम आ रहा है। बेहद खूबसूरत, जगमगाती इमारतें, चौड़ी सड़कें, फर्राटा भरती गांडियां और सबकुछ इतना करीने से की घूमने के लिए अद्भुत जगह, मेरा खुद से देखा हुआ अब तक का सबसे शानदार दिलकश, बगल में कॉफी की महक उड़ाता इंडियन कॉफी हाउस। और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ जीव दास साहु ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती करने की जानकारी दे रहे हैं। सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

आजकल कम उम्र में ही लोग लम्बी और गंभीर बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं. लाइफस्टाइल और खानपान खराब होने से सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. इसकी वजह से कई गंभीर और खतरनाक स्थिति बनने लगी है. इसी से बचाव और जागरूकता के लिए हर साल 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे (World Health Day 2024) मनाया जाता है. इस वर्ल्ड हेल्थ डे का थीम 'माई हेल्थ-माई राइट' मतलब 'मेरा स्वास्थ्य-मेरा अधिकार' रखा गया है. इस बार वर्ल्ड हेल्थ डे का उद्देश्य अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं, साफ पानी-हवा, पोषण से भरपूर आहार और साफ-सफाई है. तो दोस्तों आइये हम सब संकल्प ले और स्वस्थ आदतें अपनाएं: अपने आहार पर ध्यान दें, नियमित व्यायाम करें, पर्याप्त नींद लें और तनाव मुक्त रहने का प्रयास करें,डॉक्टर से नियमित रूप से जांच कराएं, स्वस्थ आदतों के महत्व के बारे में अपने परिवार, दोस्तों और समुदाय के लोगों को जरूर बताएं.ये सरल कदम आपके स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं.मोबाइल वाणी परिवार यह मानता है कि विश्व स्वास्थ्य दिवस सिर्फ एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह स्वस्थ जीवन जीने के प्रति सचेत और सजग रहने का निरंतर प्रयास है. आइए मिलकर यह सुनिश्चित करें कि "स्वास्थ्य सबका अधिकार" वाकई में सच हो जाए

बेटों की चाह में बार-बार अबॉर्शन कराने से महिलाओं की सेक्शुअल और रिप्रोडक्टिव लाइफ पर भी बुरा असर पड़ता है। उनकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ भी खराब होने लगती है। कई मनोवैज्ञानिको के अनुसार ऐसी महिलाएं लंबे समय के लिए डिप्रेशन, एंजायटी का शिकार हो जाती हैं। खुद को दोषी मानने लगती हैं। कुछ भी गलत होने पर गर्भपात से उसे जोड़कर देखने लगती हैं, जिससे अंधविश्वास को भी बढ़ावा मिलता है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि * -------आखिर हमारा समाज महिला के जन्म को क्यों नहीं स्वीकार पाता है ? * -------भ्रूण हत्या और दहेज़ प्रथा के आपको क्या सम्बन्ध नज़र आता है ?

भारत का आम समाज अक्सर सरकारी सेवाओं की शिकायत करता रहता है, सरकारी सेवाओं की इन आलोचनाओं के पक्ष में आम लोगों सहित तमाम बड़े बड़े अर्थशास्त्रियों तक का मानना है कि खुले बाजार से किसी भी क्षेत्र में काम कर रही कंपनियों में कंपटीशन बढ़ेगा जो आम लोगों को बेहतर सुविधाएं देगा। इस एक तर्क के सहारे सरकार ने सभी सेवाओं को बाजार के हवाले पर छोड़ दिया, इसमें जिन सेवाओं पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ वे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर पड़ा है। इसका खामियाजा गरीब, मजदूर और आम लोगों को भुगतना पड़ता है।