शोर... संसद से लेकर सड़क तक, गांव से लेकर शहर तक, इस शोर में गायब है उस जनता की आवाज जिसे अक्सर इमारतों में बैठने वाले भगवान कहते हैं? शोर चाहे जितना घना हो फ़र्क़ नहीं पड़ता , भीड़ कितनी ही घनी हो फ़र्क़ नहीं पड़ता, इस घने शोर और भीड़ के कोने से आरही हर एक आवाज जरूरी और अहम् होनी चाहिए। ऐसे ही किसी कोने से आती हर एक आवाज को उठाने के लिए मोबाइल वाणी ला रहा है एक नया कार्यक्रम ‘पक्ष-विपक्ष ’, 17 अगस्त से हर सोमवार और गुरुवार को हम लेकर आएंगे समाज के वो ज्वलंत मुद्दे जिन पर बात करना है बेहद ज़रूरी। चाहे आप मुद्दे के पक्ष में खड़े हों या विपक्ष में, मोबाइल वाणी के इस नए कार्यक्रम "पक्ष-विपक्ष" में अपनी बात ज़रूर रखे। तो इस समय आप के मुद्दे क्या है? अभी रिकॉर्ड करें नंबर ३ दबाकर या मोबाइल वाणी एप से ऐड का बटन दबाकर।