174 वर्षों के जलवायु इतिहास का दूसरा सबसे गर्म मार्च इस साल 2023 में दर्ज किया गया है। जब तापमान सामान्य से 1.24 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रिकॉर्ड किया गया था। गौरतलब है कि मार्च 2016 अब तक का सबसे गर्म मार्च का महीना था, जब तापमान बीसवीं सदी के औसत (12.7 डिग्री सेल्सियस) से 1.35 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था। यह जानकारी नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) द्वारा जारी नई रिपोर्ट में सामने आई है। आंकड़ों की मानें तो यह लगातार 47वां वर्ष है जब मार्च के महीने में तापमान औसत से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह पिछले 529 महीनों में तापमान कभी भी औसत से नीचे नहीं गया है। गौरतलब है कि इससे पहले यूरोपियन मौसम विज्ञान एजेंसी कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) ने भी इसी तरह की जानकारी दी थी। एनओएए के मुताबिक, एशिया की अगर बात करें तो यहां अब तक के दूसरे सबसे गर्म मार्च को अनुभव किया गया है। वहीं दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में यह रिकॉर्ड का चौथा सबसे गर्म मार्च का महीना रहा। इसी तरह यूरोप ने भी अपने जलवायु रिकॉर्ड के 10वें सबसे गर्म मार्च को अनुभव किया।