केंद्र की मोदी सरकार ने समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं का सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया है.सुप्रीम कोर्ट में अपने जवाबी हलफनामे में केंद्र ने कहा कि आईपीसी की धारा 377 को डिक्रिमिनलाइज यानि गैर-आपराधिक कर देने से समलैंगिक विवाह को मान्यता देने का दावा नहीं किया जा सकता है। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें