दुनिया भर में बढ़ता तापमान अपने साथ-साथ नए खतरे भी लेकर आ रहा है। उनमें से एक खतरा बढ़ती गर्मी और लू से जुड़ा है। इस बारे में एक नए अध्ययन से पता चला है कि यदि वैश्विक तापमान में होती वृद्धि इसी तरह जारी रहती है तो मान 29 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर पहुंच चुका है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

अगर आपका अकाउंट एसबीआई में है और आपको अकाउंट टेम्पररी लॉक होने के मैसेज आ रहे हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि कई एसबीआई ग्राहकों को एक संदेश मिला है जिसमें दावा किया गया है कि संदिग्ध गतिविधि के कारण ग्राहकों के खाते अस्थायी रूप से बंद कर दिए जाएंगे।इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

हाल ही में चलन से वापस लिए गए 2,000 रुपये के अधिकतम 10 नोटों यानी कुल 20,000 रुपये को बदलने के लिए किसी फार्म या पहचान पत्र (आईडी) की जरूरत नहीं है। आरबीआई ने शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी। इन नोटों को बैंक खातों में जमा करने या बदलने के लिए जनता को 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। हालांकि, 2000 रुपये का नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बना रहेगा।भारतीय स्टेट बैंक  ने अपने सभी प्रधान कार्यालयों के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर कहा है कि आम जनता को एक बार में कुल 20,000 रुपये तक के 2,000 रुपये के नोटों को बदलने के लिए किसी फार्म की जरूरत नहीं होगी। ऐसे नोटों को अपने खाते में जमा करने के लिए आरबीआई ने कोई सीमा नहीं तय की है।हालांकि इसके लिए 'अपने ग्राहक को जानो’ या केवाईसी मानदंडों व अन्य लागू वैधानिक जरूरतों को पूरा करना होगा। बैंक ने 20 मई के पत्र में कहा कि नोट बदलते समय कोई पहचान प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं है।एसबीआइ ने कार्यालयों को लोगों के लिए सभी तरह की सुविधाओं की व्यवस्था करने को कहा है। सूत्रों के मुताबिक 2,000 रुपये के नोट बदलने के लिए कोई कितनी भी बार कतार में खड़ा हो सकता है।नोट बदलने की सुविधा 23 मई से उपलब्ध होगी, लेकिन कई ग्राहक शनिवार को 2,000 रुपये के नोट बदलने के लिए अपनी शाखाओं में पहुंचे। कुछ ग्राहकों ने खातों में 2,000 रुपये के नोट जमा करने के लिए कैश डिपाजिट मशीनों का प्रयोग किया।साथयों, 2000 के नोट चलन से वापस लेने से क्या फायदा होगा ?क्या सरकार का नोटबंदी करवाने से आम नागरिकों को दिक्कत होती है ?अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

भारत भीड़ से जुड़े हादसों का तेजी से केंद्र बनता जा रहा है। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है। अध्ययन में कहा गया है कि धार्मिक समारोहों में भीड़ से जुड़े हादसे होने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है। भीड़ से जुड़े हादसों में जान गंवाने वाले और घायल होने वाले लोगों का अबतक का सबसे व्यापक डेटाबेस तैयार किया गया है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 11 से 17 मई के लिए जारी ऐरिडिटी एनोमली आउटलुक इंडेक्स में जानकारी दी है कि भारत में कम से कम 78 फीसदी जिले सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहे थे।इस के मुताबिक देश के 691 में से केवल 116 जिले ऐसे थे जहां स्थिति शुष्क नहीं हैं। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, यदि दुनिया भर के देश और कंपनियां मौजूदा तकनीकों का उपयोग करके नीति में बदलाव करती हैं, तो 2040 तक प्लास्टिक प्रदूषण 80 फीसदी तक कम हो सकता है।प्लास्टिक प्रदूषण को मात देने के लिए एक वैश्विक समझौते पर पेरिस में दूसरे दौर की वार्ता से पहले इस रिपोर्ट को जारी किया गया है।ज़्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

बढ़ते वजन और मोटापे को नियंत्रित रखने के साथ गैर संचारी रोगों के जोखिम को कम करने के लिए चीनी के स्थान पर उसके कृत्रिम या प्राकृतिक विकल्पों के सेवन को बेहतर समझा जाता रहा है, लेकिन क्या सच में ऐसा होता है। इस बारे में 15 मई 2023 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नए दिशानिर्देश जारी करते हुए आगाह किया है कि मिठास के इन कृत्रिम और प्राकृतिक विकल्पों के सेवन से बचना चाहिए। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

भारतीय दक्षिण-पश्चिम मॉनसून जो भारत में फसल के लिए अहम है। इसकी शुरुआत केरल से होती है, जो गर्म और शुष्क मौसम को बरसात के मौसम में बदल देता है। जैसे-जैसे मॉनसून उत्तर की ओर बढ़ता है, कई इलाकों में पड़ रही चिलचिलाती गर्मी से लोगों को राहत महसूस होती है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

ग्लोबल वार्मिंग का एक और प्रभाव झारखंड में देखने को मिल रहा है। मार्च-अप्रैल में पड़ी भीषण गर्मी की वजह से झारखंड के घाटशिला के लोग एक ऐसी मक्खियों का सामना करने को मजबूर हैं कि उससे बचने के लिए उन्होंने पूरी रात ही नहीं बल्कि दिन भर मच्छरदानी का सहारा लेना पड़ रहा है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

आए दिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ ना कुछ ऐसी खबरें वायरल होती है, जो लोगों के अंदर भ्रम पैदा करती है। अब ऐसी ही एक न्यूज तेजी से फैल रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि देश में 10 दिन के लिए सब कुछ बंद होने वाला है।आज के दौर में कोई भी सोशल मीडिया पर सामने आने वाली किसी भी न्यूज़ या फिर वायरल वीडियो पर भरोसा कर लिया जाता है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।