उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से आकांक्षा श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि लैंगिक असमानता का अर्थ लिंग के आधार पर महिलाओं के साथ हो रही भेदभाव को कहते हैं। परम्परागत रूप से समाज में महिलाओं को कमजोर समझा जाता रहा है। वे घर और समाज में दोनों जगहों में सामाजिक अपमान और भेदभाव का सामना करती हैं। महिलाओं के खिलाफ भेदभाव दुनिया में लगभग हर जगह प्रचलित है।विश्व आर्थिक मंच ने दो हजार इकतीस की पंद्रहवीं वैश्विक लिंग असमानता सूचकांक रिपोर्ट जारी की, जिसमें एक सौ छप्पन देशों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की आर्थिक गैर-भागीदारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतें और उनकी पहुंच और राजनीतिक सशक्तिकरण शामिल हैं। रिपोर्ट में लैंगिक भेदभाव को खत्म करने के लिए उठाए जा रहे कदमों जैसे प्रमुख संकेतकों का उल्लेख किया गया था।