उत्तर प्रदेश राज्य के बस्ती जिला से हमारे श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि जहां तक समानता की बात है, यह सही बात है, यह हमारे लिए कहीं न कहीं एक बड़ी चुनौती है, यह समाज के लिए एक बड़ी चुनौती है और इस पर गहराई से विचार किया जाना चाहिए कि यह लैंगिक समानता कब समान होगी। अब पिछली जनसंख्या जनगणना को देखें, पुरुषों और महिलाओं का अनुपात एक हजार महिलाओं के मुकाबले नौ सौ सत्तानवे था।समाज को इसके बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है। यहाँ भी ये लोग जो बच्चे पैदा करना चाहते हैं, मान लीजिए कि लड़कियाँ लगातार पैदा हो रही हैं, लड़के पैदा नहीं हो रहे हैं, तो जनसंख्या भी उसकी इच्छा में बढ़ जाती है और उसकी भी यह असमान परत है जिसे जनसंख्या कहा जाता है। पुरुषों और महिलाओं के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए, लेकिन यह कहीं न कहीं भेदभाव है, चाहे वह सामाजिक हो,इसमें हर वर्ग में पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता की भावना होनी चाहिए, चाहे वह पुरुष हो या महिला। और समानता लैंगिक समानता एक बहुत बड़ी चुनौती है,