इंडियन एसोसिएशन ऑफ गाइनेकोलॉजिकल एंडोस्कोपिस्ट्स (आईएजीई) तथा वाराणसी आब्स एन्ड गायनी सोसायटी (वीओजीएस) की ओर से तीन दिवसीय कांफ्रेंस शुरू हुआ। पहले दिन कांफ्रेंस का विषय 'स्त्री रोगों का दूरबीन से ऑपरेशन एवं उपचार' था। विशेषज्ञों ने बताया कि स्त्री रोगों में दूरबीन से ऑपरेशन होने से क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है। इसमें दर्द कम होता है और जल्द रिकवरी होती है। इस मौके पर मुंबई से आए रोहन पॉलसेतकर ने कहा कि लाइफ स्टाइल में बदलाव के कारण स्पर्म की गुणवत्ता घट रही है। सम्मेलन का शुभारंभ एक स्त्री रोगी के दूरबीन से ऑपरेशन से शुरू हुआ। इसके साथ ही न्यू लाइफ हॉस्पिटल में स्त्री रोगी के ऑपरेशन का सजीव प्रसारण हुआ, जिसे आयोजन स्थल पर भी दिखाया गया। आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ. नीलम ओहरी ने बताया कि बांझपन, अल्ट्रासाउंड, एम्ब्रियोलोजी तथा व्यक्तिगत हस्त प्रशिक्षण पर आधारित कार्यशालाएं भी हुई। राष्ट्रीय संयोजक डॉ अतुल गनात्रा और राज्य समन्वयक डॉ. श्रीकांत ओहरी के नेतृत्व में लाइव सर्जरी हुई। वर्कशॉप में भ्रूण विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। बांझपन के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श हुआ। डॉ. सीमा पांडेय और डॉ लतिका अग्रवाल की अध्यक्षता में विशेषज्ञों ने फर्टिलिटी साइकिल में चुनौतियों को दूर करने के लिए उपायों पर चर्चा की। अल्ट्रासाउंड कार्यशाला में स्त्री रोगों और बांझपन पर चर्चा की। कार्यशाला में डॉ. दीपक लिम्बाचिया, डॉ. कल्याण बारमेड, डॉ. कुरियन जोसेफ, डॉ. पण्डित पालस्कर, डॉ. प्रशांत मंगेसिकर आदि ने विचार रखे।