रात को सोते समय मुंह में लौंग रखने के अद्भुत फायदे हैं। आम तौर पर मसाले में प्रयोग किए जाने वाले लौंग वानस्पतिक अर्थात रसायनिक नाम सिज़ीजियम एरोमैटिकम है। मटेंसी कुल के 'यूजीनिया कैरियोफ़ाइलेटा' नामक मध्यम कद वाले सदाबहार वृक्ष की सूखी हुई पुष्प कलिका है। लौंग का अंग्रेजी पर्यायवाची क्लोव है। जो लैटिन शब्द क्लैवस से निकला है। इस शब्द से कील या काँटे का बोध होता है, जिससे लौंग की आकृति का सादृश्य है। दूसरी तरफ लौंग का लैटिन नाम 'पिपर' संस्कृत/मलयालम/तमिल के 'पिप्पलि' से आया हुआ लगता है। लौंग एक प्रकार का मसाला है। इस मसाले का उपयोग भारतीय पकवानों में बहुतायत में किया जाता है। इसे औषधि के रूप में भी उपयोग में लिया जाता है। यदि आप रात को सोते समय अपने मुंह में लौंग रख कर सोते हैं तो निश्चय ही यह आप की कई प्रकार की स्वास्थ से संबंधित परेशानियों में मददगार साबित होगा। इसका पहला लाभ यह है कि मुंह से दुर्गंध या सांसों की गंध को रोकने में मदद करता है। दूसरा लाभ है कि दांतों के दर्द मसूड़ों के इन्फेक्श को रोकने में सहायक होता है। तीसरा लाभ है कि यह डायबिटीज अर्थात मधुमेह को कम करने में अहम भूमिका निभाता है। चौथा लाभ है कि मूत्र विकार अथवा पेशाब में जलन की समस्या को कंट्रोल करता है। इसके साथ ही वजन रोकने, पेट या लीवर में सामान्य इन्फेक्शन,एसीडिटी,गैस बनने,अपच आदि की समस्याओं को दूर करने में भी सहायक होता है। आयुर्वेद अर्थात आयूष चिकित्सा से जुड़ी यह सामान्य जानकारी आप सभी के लिए सेहतमंद बने रहने के लिए सहायक हो सकती है।