पडरौना विधानसभा के प्राचीन पिजवा स्थान मंदिर मे बना समुदायिक भवन लंबे समय से जर्जर स्थित मे पड़ा हुआ है,जिसके कारण साधू संतो को परेशानी होती है,बल्कि उनको भी हादसे का अंदेशा भी सताता रहता है। पूरी तरह से जर्जर हो चुके इस सामुदायिक भवन के नवनिर्माण कराने को लेकर साधू संत लंबे समय से मांग कर रहे हैं। हालत ऐसी है कि इसकी छत कभी भी गिर सकती है और यहां आने-जाने वाले श्रद्धालु व साधू संतो को नुकसान पहुंचा सकती है।जिम्मेदारो को पूरी जानकारी होने के बाद भी वे हाथ पर हाथ रखे बैठे हुए हैं। पडरौना विधानसभा के गांव जंगल नाहर छपरा मे स्थित प्राचीन पिजवा स्थान मंदिर मे करीब 15वर्ष पहले आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने व शादी देखवती हेतू काफी दिक्कतों का सामना करना पडता था।साधू संतो व क्षेत्रीय श्रद्धालुओं की मांग पर 2008 व 9 मे जिला पंचायत निधी से 15 लाख की लागत से समुदायिक भवन का निर्माण कराया गया था,जिसका शिलान्यास तत्कालीन कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा किया गया था। जो इस समय अनियमितता का शिकार होने से 2015 से जर्जर होना शूरू हो गया। जो इस समय यह भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है छत से पत्थर टूट कर गिरता रहता है बरसात के मौसम में पानी टपकता है। यह छत कब गिर जाएगा कोई इसका गरांटी नहीं है। मंदिर महंत इंद्रदेव दास का कहना है कि हमारे साथ क्षत्रिय तमाम श्रद्धालुओं द्वारा प्रशासन से नए समुदाय भवन के निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिए जाने के कारण लोगों को समारोह के आयोजन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।क्षेत्रीय लोगों ने जिला प्रशासन से नए समुदाय भवन निर्माण कराने की मांग किए हैं।