*सार्वजनिक रास्तों व ग्रामों में कूड़ा डालने से आमजनमानस का स्वास्थ्य व पर्यावरण हो रहा प्रभावित* *#कछौना(हरदोई):* नगर पंचायत कछौना पतसेनी की सफाई व्यवस्था से प्रतिदिन सैकड़ो कुंटल कूड़ा निकलता है, लेकिन ठोस कचरा प्रबंधन व अभी तक एमआरएफ सेंटर ना बनाए जाने के कारण नगर से निकलने वाला कूड़ा सार्वजनिक रास्तों पर व ग्रामसभा लोनहारा में निर्धारित स्थान पर डाला जाता है, जिससे गंदगी व कूड़े में आग की घटनाओं से पर्यावरण को काफी नुकसान होता है, वहीं आवागमन करने वाले राहगीरों व आसपास के ग्रामों को जहरीले धुएं से परेशानी उठानी पड़ती है। मिली जानकारी के अनुसार कस्बे के कूड़ा निस्तारण के लिए एमआरएफ केंद्र स्वीकृत हो गया है, कार्यदाई संस्था भी नामित हो गई है। वन विभाग के मध्य ग्राम सभा लोनहारा में भूमि का चयन हो गया है। परंतु विभागीय अधिकारियों की हीला हवाली के चलते एमआरएफ केंद्र अधर में लटका है। एक तरफ सरकार स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से करोड़ों रूपयों का खर्च कर साफ सफाई, खुले में शौच मुक्त, सिंगल प्लास्टिक पर प्रतिबंध, निकलने वाले कचरा गीला व ठोस का सही ढंग से निस्तारण के लिए कदम उठा रही है परंतु आमजनमानस में जागरूकता की कमी व विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते आम जनमानस के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। गंदे कचरे, कूड़ा-करकट, प्लास्टिक का पुख्ता इंतजाम न होने के कारण वन विभाग के मध्य ग्रामसभा लोनहारा की भूमि में कूड़ा डाला जाता है, जिसमें चोरी चुपके कूड़े में आग लगा दी जाती है और इस तरह जहरीली गैसों की मात्रा से आमजनमानस का स्वास्थ्य एवं पर्यावरण प्रभावित होता है। कूड़े में आग लगाना घोर अपराध है। वहीं कस्बे में सिंगल प्लास्टिक पर प्रभावी रोकथाम ना होने के कारण प्रतिष्ठानों व शराब की दुकानों के पास कैंटीन से निकलने वाली कुंटलों प्लास्टिक की डिस्पोजल भी कूड़े का ढेर बनती है। अधिशासी अधिकारी देवांशी दीक्षित ने बताया कि कार्यदाई संस्था से अभी तक एमआरएफ सेंटर ना बनाए जाने का जवाब तलब किया जाएगा, वहीं कूड़े के ढेर में आग लगने की घटना पर बताया कि कूड़े के ढेर में आग की घटना स्वाभाविक है, गैस बनने से आग लगती है। सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए समय-समय पर कस्बे में अभियान चलाकर कार्रवाई अमल में लाई जाती है।