सण्डीला मे सिलसिला ए चिश्तिया के मख़्दूमज़ादा हज़रत शाह सय्यद शरफ उद्दीन अहमद साग़र मियां फ़ातमी चिश्ती के 17 वें यौम ए वफ़ात(पुण्यतिथि) के अवसर पर नगर के मोहल्ला मंगल बाज़ार स्थित दरगाह हज़रत साग़र मियां में "जलसा बयादगार हज़रत साग़र मियां"का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता करते हुए तहरीक परचमें मोहम्मदी के अध्यक्ष फ़रीद ने कहा की सूफ़िज़्म क्या है इसपे खरा उतरना हज़रत साग़र मियां बखूबी जानते थे वह सूफ़िज़्म में पूरी तरह समाये थे और उन्होने कहा था की हर कोई सूफी लिखने से सूफी नही बन जाता सूफ़िज़्म की शिक्षा पे अमल करने वाला ही सूफी होता है।उन्होने कहा की साग़र मियां ने ख़ानदाने मखदूमियां की रवायत को आगे बढ़ाने का काम हमेशा किया वह सही मायनो में सूफी बुजुर्ग थे।दरगाह के सज्जादा नशीन मुईज़उद्दीन साग़री चिश्ती ने कहा ख़ानदाने मखदूमियां के सूफ़ी बुज़ुर्ग हज़रत साग़र मियां साहब द्वरा की गई तमाम धर्मिक सामाजिक व इंसानियत की खिदमात को भुलाया नहीं जा सकता।सूफ़ी जाबिर अली ने कहा हज़रत साग़र मियां की हमेशा खुवाहिश रही की समाज के हर कमज़ोर वर्ग की साहयता हो ये प्रयास सदैव रहा।जिसके कारण हर धर्म के लोग उनसे जुड़े रहे।प्रोग्राम में स्थानीय दरगाहों के सज्जादगान के अलावा बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।जलसा का संचालन हाफ़िज़ मुक़ीम ने किया।इस अवसर पर नाअत,मनक़बत,पढ़ने के मुकाबलेे में कामयाब बच्चों को माइनॉरिटीज़ वेलफ़ेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल ख़ालिक़ व समाजी कारकुन अब्दुल वली द्वारा बच्चों को पुरुस्कार वितरण किये गये जिसमें पहला इना रूही साग़र ,दूसरा इनाम सिदरा अंसारी, तीसरा इनाम मो0 साकिब को को दिया गया।ज़ुबैर सिद्दीकी, चौधरी नदीम,फरहान सागरी,मौलाना सवर जमाल,फैयाज़ साग़री, फरहानुल हक़,दावर रज़ा,हाफिज शाहआलम,हाफिज जीशान,सैफ़ी, फैज़ुल ने अपना कलाम पढ़ा। मो0 फ़ाज़िल,मास्टर फैयाज़ खां,असलम उस्मानी,मो0 आकिल ने अपने विचार व्यक्त किये।इस अवसर पर स्थानीय दरगाहों के सज्जादगान के अलावा बड़ी संख्या में मुरीदीन व अकीदतमंद उपस्थित रहे।