*कछौना, हरदोई।* विकासखंड कछौना में तैनात सफाई कर्मी ग्राम प्रधान व विभागीय अधिकारियों के संरक्षण के चलते सफाई कार्यक्रम ग्राम सभाओं में नियमित रूप से नहीं करते हैं, यहां तक सफाई कार्य परिषदीय स्कूलों में करना भी मुनासिब नहीं समझते हैं। जिसके कारण ग्राम सभा में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। गंदगी से नालियां चोक हो गई है। गंदगी के कारण संक्रामक बीमारी तेजी से फैल रही है। जब से ग्राम सभाओं में सफाई कर्मी की तैनाती हो गई है, तब से ग्रामीण अपने आसपास के परिवेश को साफ रखने की आदत छोड़ दी है। वह पूरी तरह से सफाई व्यवस्था के लिए ग्राम सभा में तैनात सफाई कर्मी पर निर्भर है। ग्राम सभा में एक सफाई कर्मचारी तैनात है, लेकिन मजरों की संख्या काफी होती है। मिली जानकारी के अनुसार अधिकांश सफाई कर्मी अधिकारियों के अर्दली ड्राइवर रसोईया कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में सेवा दे रहे हैं। वह कागजों पर ग्राम सभा में सफाई कार्य कर रहे हैं। सफाई कर्मी ग्राम प्रधान व विभागीय अधिकारियों के गठजोड़ के चलते स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगा रहे हैं। प्रत्येक ग्राम सभा में कूड़ा घर बनाए गए हैं, जो केवल शोपीस बने हैं। संसाधनों के अभाव में घरों का निकलने वाला कूड़ा, कूड़ा घरों में पहुंचने की योजना धड़ाम हो गई है। कूड़ा निस्तारण के नाम पर केवल खानापूर्ति कर कर्तव्यों की इतिश्री की जा रही है। क्षेत्रीय विकास जन आंदोलन के अध्यक्ष रामखेलावन कनौजिया ने विभाग से कई बिंदुओं पर सूचना मांगी, जिससे सफाई व्यवस्था सुनिश्चित हो सके। सफाई कर्मियों के नाम आवंटित ग्राम सभावार उपस्थिति रजिस्टर की छाया प्रति, पेरोल रजिस्टर की छाया प्रति, ग्राम सभा की सार्वजनिक स्थल पर सफाई कर्मी का नाम व मोबाइल नंबर, ग्रामों व गलियों में सफाई व्यवस्था के रोस्टर की मांग की है। ग्रामीणों के काफी विरोध के बाद कभी-कभार सफाई कर्मी दैनिक मजदूर से सफाई कार्य कराके खानापूर्ति कर लेते हैं।