हरदोई: विश्व पशु दिवस पर पशुओं के अधिकारों और कल्याण के लिए वकालत को प्रोत्साहित करता है इस विचार को बढ़ावा देता है कि जानवरों के साथ दया और सम्मान का व्यवहार किया जाए और उनके अधिकारों को कानून के तहत संरक्षित किया जाना चाहिए। वरिष्ठ नेचरोपैथी डॉo राजेश मिश्रा ने बताया कि भारतीय संस्कृत में पांच प्रकार के यज्ञ बताए गए है।उनमें से एक बलिवैश्वदेव यज्ञ भी है,जो पशु-पक्षियों के कल्याणार्थ किया जाता है।डॉ राजेश ने कहा कि चींटी से लेकर हाथी तक सभी पशुओं के प्रति दया की भावना होनी चाहिये।