राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार 2021 में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले वर्ष की तुलना में साइबर अपराध में 111 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. मामले बढ़ने का सबसे बड़ा कारण यौन शोषण बताया गया है.आंकड़ों के अनुसार, इनमें से अधिकतर मामले ऑनलाइन धोखाधड़ी, ऑनलाइन उत्पीड़न आदि से जुड़े थे।अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर। 

भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 5,439 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,44,21,162 हो गई, जबकि सक्रिय मामलों की संख्या 65,732 है.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में संक्रमण से 30 और लोगों की मौत होने के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,27,829 हो गई। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की नई रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष की तुलना में 2021 में देश भर में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 15.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है.इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, 2020 में ऐसे अपराधों के 3,71,503 मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 4,28,278 हो गया.एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर 2020 में 56.5 प्रतिशत से बढ़कर 2021 में 64.5 प्रतिशत हो गई। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

सोशल मीडिया में इस समय एक खबर तेजी से वायरल हो रही है. जिसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देश की सभी बेटियों को हर महीने 5000 रुपये नकद देगी. खबर सामने आने के बाद इसे तेजी से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 7,591 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,44,15,723 हो गई, जबकि सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 84,931 रह गई है.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए .विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

कोरोना वायरस के चलते लोगों का आम जन-जीवन काफी प्रभावित हुआ है। इसका असर बीमा पॉलिसियों पर भी देखने को मिला है। बता दें कि 2021-22 में बीमा पॉलिसियों के मैच्योरिटी से पहले ही सरेंडर करने में तेज वृद्धि देखी गई। आंकड़ों के मुताबिक 2021-22 के दौरान 2.3 करोड़ से अधिक जीवन बीमा पॉलिसियों को छोड़ा गया।यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि यह संख्या 2020-21 में छोड़ी गईं पॉलिसियों की संख्या से तीन गुना से अधिक है । यह विडंबना ही है कि लोगों को मुश्किल समय में जब अपने पैसों की सख्त जरूरत होती है, तब अधिकांश मामलों में पॉलिसी लेने वाले ग्राहकों को वो रकम मिल पाती है जोकि भुगतान किए गए प्रीमियम से भी कम होती है। ऐसे में ग्राहकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।आमतौर पर पॉलिसी छोड़ने के चलते बीमा कवर खोने सहित कई नुकसान हैं।

सोशल मीडिया पर इन दिनों कई तरह के दावे किए जा रहे हैं। इन दावों में अधिकतर सूचनाएं फेक न्यूज की तरह सामने आ रही हैं। आजकल एक मैसेज के जरिए यह दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा है कि देश भर के फ़र्ज़ी पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर होगी।पीआईबी की जांच के बाद पाया गया कि यह दावा पूरी तरह से फर्जी है और केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।खबर सुनने के लिए ऑडियो क्लिक करें। 

भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 10,649 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 4,43,68,195 हो गई, जबकि उपचाराधीन मामलों की संख्या 96,442 है.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बुधवार को सुबह आठ बजे जारी अपडेटेड आंकड़ों के अनुसार, देश में संक्रमण से 36 और लोगों की मौत होने के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,27,452 हो गई.इन 36 मामलों में वे चार लोग भी शामिल हैं, जिनके नाम संक्रमण से मौत के आंकड़ों का पुन:मिलान करते हुए केरल ने संक्रमण से जान गंवाने वालों की सूची में डाले हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा-स्रातक स्तर (सीयूईटी-यूजी) पहले ही साल में अनेक विसंगतियों का सामना कर रही है जिस कारण परीक्षाएं निरस्त करनी पड़ी हैं और अभ्यर्थियों के लिए चिंताजनक स्थिति बन गई है। देश की दूसरी सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा में पहले साल में 14.9 लाख से अधिक अभ्यर्थी भाग ले सकते हैं।परीक्षा के दौरान आईं परेशानियों और खामियों की फेहरिस्त पर हम नज़र डालें तो इनमे प्रमुख है -परीक्षा केंद्र में बदलाव,गड़बड़ी की खबरों के बाद सामूहिक स्तर पर परीक्षा रद्द,परीक्षा की तारीखों में बदलाव,तकनीकी खामियों के कारण परीक्षा रद्द,बारिश, भूस्खलन के कारण परीक्षाएं स्थगित और तय कार्यक्रम में देरी।

भारत सरकार देश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा को हटाकर उसकी जगह स्वचालित नंबर प्लेट रीडर कैमरे लगवाने की योजना पर काम कर रही है। इस योजना में कैमरे वाहन नंबर प्लेट को पढ़कर वाहन मालिकों के लिंक बैंक खातों से स्वचालित रूप से टोल काट लेंगे। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस योजना का एक पायलट चल रहा है और इसको सुविधाजनक बनाने के लिए कानूनी संशोधन भी किए जा रहे हैं। गडकरी ने बताया, “2019 में, हमने एक नियम बनाया कि कारें कंपनी-फिटेड नंबर प्लेट के साथ आएंगी। पिछले चार साल में जो वाहन आए हैं, उन पर अलग-अलग नंबर प्लेट हैं।