एक नए अध्ययन में खुलासा किया है कि उष्णकटिबंधीय इलाकों में 90 से 99 प्रतिशत जंगलों के काटे जाने के पीछे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि जिम्मेदार होती है। जबकि इसके केवल आधे से दो-तिहाई बिना पेड़ों वाली भूमि का खेती के लिए विस्तार हो रहा है।विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

इससे बड़ी विडम्बना क्या होगी कि दुनिया में आज भी करीब पांच करोड़ लोग किसी न किसी रूप में गुलामी की जिंदगी जी रहे हैं। इस बारे में अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन ( द्वारा जारी नई रिपोर्ट “ग्लोबल एस्टीमेट ऑफ मॉडर्न स्लेवरी” से पता चला है कि 2021 में दुनिया भर में करीब पांच करोड़ लोग किसी न किसी रूप में आधुनिक दासता का शिकार थे।विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

भारत में सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम एमएसएमई (MSME) के रजिस्ट्रेशन को लेकर केंद्र सरकार ने एक वेबसाइट तैयार की है। इसकी मदद से कारोबारी डिजिटल माध्यम से रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इस तरह से डिजिटल माध्यम से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है।विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

कोविड-19 के बाद मंकीपॉक्स तेजी से दुनिया में फैल रहा है। वैश्विक स्तर पर 103 देशों में अब तक इसके 57,995 मामले सामने आ चुके हैं, वहीं भारत में भी 12 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दी गई जानकारी में उत्साहजनक संकेत सामने आए हैं।विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

भारत में एक दिन में कोविड-19 के 5,076 नए मामले सामने आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 4,44,95,359 हुई जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 47,945 है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 के मानव विकास सूचकांक में भारत 191 देशों में 132 वें पायदान पर खिसक गया है। भारत का 0.6333 का एचडीआई मान देश को मध्यम मानव विकास श्रेणी में रखता है, जो 2020 की रिपोर्ट में इसके 0.645 के मान से कम है. वर्ष 2020 के मानव विकास सूचकांक में भारत 189 देशों में 131वें स्थान पर था। किसी राष्ट्र के स्वास्थ्य, शिक्षा और औसत आय को मापने के पैमाने की दृष्टि से मानव विकास में लगातार दो साल- 2020 और 2021 में गिरावट दर्ज की गयी है, जबकि इससे पहले पांच साल काफी विकास हुआ था। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

देश के चार राज्यों में बारिश की कमी के चलते खरीफ की बुआई बुरी तरह प्रभावित होने के बावजूद आखिर क्यों राज्य सरकारें सूखे की घोषणा करने से कतरा रही हैं? हालांकि आठ सितंबर 2022 को उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी जिलों में सूखे की स्थिति का सर्वे करने का निर्देश दिया है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

द लैंसेट रीजनल हेल्थ-साउथ ईस्ट एशिया में प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चला है कि 2019 में भारत के निजी क्षेत्र में उपयोग किए जाने वाले 47.1 प्रतिशत एंटीबायोटिक बिना स्वीकृति या अनअप्रूव्ड एंटीबायोटिक फॉर्मूलेशन थे।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

खरीफ सीजन की बुआई का समय लगभग समाप्त हो गया है, लेकिन अभी भी पिछले साल के मुकाबले लगभग 22.90 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई नहीं हो पाई है। वहीं दलहन की बुआई भी पिछड़ी हुई है। सबसे अधिक प्रभावित राज्य झारखंड है। झारखंड में पिछले साल सितंबर के पहले सप्ताह तक 17.58 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई थी, जबकि इस साल 2 सितंबर 2022 को समाप्त तक केवल 7.777 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई हुई है।

सोशल मीडिया में इस समय एक खबर तेजी से वायरल हो रही है ।  जिसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देशभर के युवाओं को एक योजना के तहत हर महीने 3400 रुपये देगी । वायरल मैसेज में यह भी दावा किया जा रहा है कि इस योजना के लाभ उठाने के लिए युवाओं को पहले पंजीकरण कराना होगा ।