उत्तराखंड राज्य शिक्षा विभाग द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों से पता चला है कि स्वीकृत प्रिंसिपल पदों में से 67 प्रतिशत से अधिक पद खाली पड़े हैं.रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के वर्षों में पदोन्नति की कमी के कारण माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकृत ये पद खाली हैं.बताया गया है कि प्रिंसिपल पद पर नियुक्ति केवल प्रमोशन के जरिये ही हो सकती है और पिछले चार सालों में ऐसा नहीं हुआ है, जिसके कारण सरकारी स्कूलों में प्रिंसिपल के बहुत सारे पद खाली हैं.अखबार ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के हवाले से कहा कि ‘यह मामला फिलहाल अदालत में विचाराधीन है.इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।