गुरु पूर्णिमा पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा और नारायणी में डुबकी लगाकर बाबा हरिहरनाथ सहित अन्य शिवालयों में किया पूजा अर्चना लोक सेवा आश्रम सोनपुर में मनाया गया धूमधाम से गुरु पूर्णिमा सोनपुर। दक्षिण वाहिनी गंगा नदी पहलेजा घाट व सोनपुर के नारायणी नदी सहित अन्य नदियों में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान कर बाबा हरिहरनाथ एवं भरपुर गौरी शंकर मंदिर जल भारत स्थान सहित अन्य शिवालय में पहुंचकर भगवान महादेव की पूजा अर्चना के उपरांत सभी शिष्य अपने गुरु के दर्शन कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अहले सुबह से ही शिष्यों का गुरु के दरबार में ताँता लग रहा। गुरु पूर्णिमा के दिन संत महात्माओं का दर्शन एवं आशीष लेने लोग पहुंच रहे थे। शिष्यों के द्वारा संत महात्माओं व गुरु का पूजन वंदना कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। वही गुरु पूर्णिमा के अवसर पर देश के विभिन्न प्रांतो से लोक सेवा आश्रम सोनपुर में पहुंचे शिष्यों को संबोधित करते हुए संतशिरोमणि विष्णु दास उदासीन मोनी बाबा ने कहा कि गुरु और शिष्य के मिलन का पवित्र दिन है। गुरु पूर्णिमा जो साल में एक बार अषाढ पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन गुरु के प्रति शिष्य का भाव आकाश छूता है। उसी प्रकार गुरु भी अपने शिष्य के प्रति माता-पिता से भी बढ़कर उसे आगे बढ़ाने के लिए आशीर्वाद का पुष्प बरसाते हैं। बाबा ने कहा कि जो मनुष्य के जीवन में ज्ञान दूर करता है. वही गुरु है. शास्त्र की प्रार्थना है तमसो मा ज्योतिर्मय असदो मां सदगमय. उन्होंने आगे कहा कि सच्चा गुरु अपनी समर्थ से शिष्यों में संस्कार का शौर्य भरता है। अपने चिंतन की चारुता से चरित्र को चमकता है. गुरु अवगुणो का उन्मूलन कराता है गुणो का ग्राहक बनाकर गुण ग्रहण के योग्य बनाता है। सच्चे गुरु सचमुच नर रूप में नारायण होते हैं और जिनके शब्द शब्द में दिन कर का प्रखर प्रकाश है। बाबा ने कहा गुरु के त्रृण से शिष्य कभी मुक्त नहीं हो सकता। गुरु को ब्रह्मा विष्णु महेश की भांति हिंदू संस्कृति में देवत्व माना जाता है। गुरु के बिना कोई शिक्षित या ज्ञानवान नहीं हो सकता है। सही विद्या व सस्कार ग्रहण करा कर गुरु अपने शिष्यों को होनहार बना दे तभी गुरु होने का सही साधना है। गुरु पर कभी संदेह नहीं करना चाहिए। शिष्य भले ही कैसा भी हो गुरु हमेशा उसके जीवन का तारने वाले सीख ही देता है। गुरु और शिष्य के बीच मधुर संबंध होना चाहिए। मौके पर भक्त विश्वनाथ सिंह, सुनील कुमार यादव,अवध किशोर शर्मा, नित्यानंद सिंह,हरिमोहन यादव,अभय सिंह,मनीष राय, संजीत कुमार, लालबाबू पटेल, वीपीन, दामोदर सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए आश्रम में आए सभी भक्तों को प्रसाद ग्रहण कराया गया।