लोक आस्था का महानतम पर्व चैती छठ शनिवार को नहाए खाए के साथ भक्तिमय माहौल में शुरू हुआ । मालूम हो कि साल भर में 2 बार छठ पर्व मनाया जाता है। एक कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में तथा दूसरा चैत माह के शुक्ल पक्ष में चतुर्थी तिथि से लेकर सप्तमी तिथि तक चार दिवसीय अनुष्ठान होता है। चैती छठ को लेकर दरौली प्रखंडों के नदी तालाबों के किनारे इस पर्व को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है । आचार्य धर्मेंद्र नाथ मिश्र ने बताया कि 25 मार्च को भरनी नक्षत्र में नहाए खाय के साथ चैती छठ महापर्व का शुरुआत हुआ। व्रतियों अगला शनिवार के अहले सुबह गंगा स्नान कर अरवा चावल चना कद्दू की सब्जी आंवले की चासनी आदि ग्रहण कर चार दिवसीय इस महापर्व का संकल्प लिया । वहीं रविवार को कृतिका नक्षत्र और प्रीति योग में व्रती पूरे दिन उपवास कर संध्याकाल में खरना की पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करेंगे । इसी के साथ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा। इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।