वाराणसी। माफिया मुख्तार अंसारी को फर्जी शास्त्र लाइसेंस मामले में दोषी पाया है। मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। मुख्तार पर दो लाख दो हजार रूपए जुर्माना लगाया गया है। ये फैसला विशेष न्यायाधीश एमपी - एमएलए अवनीश गौतम की अदालत ने पूर्व विधायक बाहुबली मुख्तार अंसारी को आईपीसी की धारा 428, 467,468,120 बी व आर्म्स एक्ट की धारा 30 के तहत आरोप सिद्ध होने पर दोषी पाया है।

आवेदक ललिता प्रसाद यादव निवासी पहडिया वाराणसी द्वारा DEVESH REAL ESTATE WORKS के प्रोपराइटर धर्मराज यादव द्वारा वादी मुकदमा को धोखे से विश्वास में लेकर अपनी फर्म DEVESH REAL ESTATE WORKS में पैसा लगाने व जमीन देने के नाम पर कुल 14,40,000/- धोखाधड़ी से अपने खाते में ट्रासफर करा लिया था जिसके बाद वादी द्वारा थाना- लालपुर पाण्डेयपुर पर मुकदमा पंजीकृत कराया गया था ।

आवेदक अबुजर अहमद का प्रार्थना पत्र थाना हाजा प्राप्त हुआ था जिसमें MRF टायर डीलरशिप की फ्रेंचाइज़ी दिलाने के नाम पर फ़र्जी वेबसाइट के माध्यम से वादी मुकदमा को अपने झांसे में लेकर रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी फीस, अप्रूवल फीस इत्यादि के नाम पर कुल करीब 12 लाख की धोखाधड़ी की गयी थी. जिसपर थाना स्थानीय पर आई.टी. एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था।

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लालपुर पाण्डेयपुर थाना क्षेत्र के सोयेपुर में नकली टाटा नमक और घड़ी डिटर्जेंट पाउडर बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई है। जिसमें भारी मात्रा में नकली माल और उपकरण भी बरामद किया गया। तहरीर में मधुसुदन दोलुई पुत्र तिलक दोलुई निवासी ग्राम जामताला, थाना कुल्पी, जिला दक्षिण चौबीस परगना, पश्चिम बंगाल ने बताया मैं वर्तमान में आई.पी. इन्वेस्टीगेशन डिटेक्टिव सर्विस प्राइवेट लिमिटेड में जाँच पदाधिकारी केललपल पद पर कार्यरत हूँ।

राजातालाब थाना क्षेत्र के ढोलापुर काशीपुर गांव के निवासी प्रदीप कुमार शर्मा ने दो लोगों के खिलाफ कार्यवाही के लिए लिखित शिकायती पत्र शनिवार को राजातालाब में थाना दिवस में दिया।

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सरकारी संस्था आईसीएमआर के डाटाबेस में सेंध लगाकर चुराया गया 81 करोड़ लोगों का डाटा इंटरनेट पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। लीक हुए डाटा में लोगों के आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी, पासपोर्ट, नाम, फ़ोन नंबर, पते सहित तमाम निजी जानकारियां शामिल हैं। यह सभी जानकारी इंटरनेट पर महज कुछ लाख रुपये में ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध है। इसे डाटा लीक के इतिहास का सबसे बड़ा डाटा लीक कहा जा रहा है, जिससे भारत की करीब 60 प्रतिशत आबादी प्रभावित होगी।