सुबह-ए-बनारस के प्रकल्प काव्यार्चन की छठी कड़ी का आयोजन अस्सी घाट पर हुआ। कलाविद डॉ. राधाकृष्ण गणेशन की अध्यक्षता में हुए स्थापित एवं नए रचनाकारों ने काव्यपाठ किया। शुरुआत युवा रचनाकार सनी बघेल ने की। उन्होंने पहले प्रेम गीत की प्रस्तुति के उपरांत 'गीत को मेरे स्वर दे' शीर्षक से प्रभावी रचना सुनाई। आकाशवाणी की उद्घोषिका जगदीश्वरी चौबे ने सुनाया- 'एक दो रोज़ की मुलकात नहीं थी, एक दो रोज़ की पहचान नहीं थी, एक छोटी सी मुलाकात हुई थी, और शुरू हुआ था सिलसिला बातों का...।काव्यार्चन का समापन डॉ. राधाकृष्ण गणेशन ने 'आदमी, सभ्यता के पूर्व, रहता था जंगलों में, बीहड़ों में, वनों में, पेड़ों की खोहों में, उनकी शाखाओं में. सुनाकर किया। अंत में तबला सम्राट पंडित लच्छू महाराज की अर्धागिनी टीना जे. सिंह ने कवियों को प्रमाणपत्र प्रदान किया। धन्यवाद ज्ञापन समन्वयक डॉ. नागेश त्रिपाठी शांडिल्य ने किया।