साथियों , पिछले कुछ दिनों से मैं आप सभी के बीच कविताएँ लेकर आ रहा हूँ । कविता की श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए , मैं आपको फिर से कविता लेकर धरती को महकाई प्रस्तुत करता हूं । बगीचे के फूलों को देखो । बगीचे के फूलों को देखो । चाहे पानी हो या हर कोई हंसता हो , हर दिन पृथ्वी पर आने वाली सूर्य की किरणों को देखें , अंधेरा दूर करें और सभी बादलों को चमकने दें । दीपक को देखो क्योंकि वह हमेशा जलता रहता है , अपने अंतर को जलाता रहता है ।