किशनगंज: पोठिया के जगडूबा स्कूल के शिक्षक राहुल कुमार का डॉक्यूमेंट फर्जी निकला
समाज मे दारु और स्मैक बेचने के खिलाफ आवाज़ उठाने पर एक पत्रकार और तीन बेकसूर पर हुआ झूठा मुकदमा दर्ज कई बार जिला प्रशासन को आवेदन दिया फिर भी छत्तरगाछ पुलिस कैंप प्रभारी पर नहीं हुई कोई कार्रवाई
सरकारी संस्था आईसीएमआर के डाटाबेस में सेंध लगाकर चुराया गया 81 करोड़ लोगों का डाटा इंटरनेट पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। लीक हुए डाटा में लोगों के आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी, पासपोर्ट, नाम, फ़ोन नंबर, पते सहित तमाम निजी जानकारियां शामिल हैं। यह सभी जानकारी इंटरनेट पर महज कुछ लाख रुपये में ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध है। इसे डाटा लीक के इतिहास का सबसे बड़ा डाटा लीक कहा जा रहा है, जिससे भारत की करीब 60 प्रतिशत आबादी प्रभावित होगी।
*सूचना जनहित में , व्हाट्सएप पर पैसे मांगने वालों से रहे सावधान !* ------ *आज किशनगंज में दर्जनों लोगों का व्हाट्सएप क्लोन बना कर साइबर ठगों ने मैसेज कर लोगों को चूना लगाने की कोशिश की है ।*
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किशनगंज जिले में इनवेस्टमेंट प्लान के नाम पर फर्जी तरीके से एक महिला के साथ ठगे गए रुपयों में 16 लाख 78 हजार रूपये पुलिस ने वापस करवाया है। पुलिस के अनुसार, हलीम चौक निवासी एक महिला के कोर्ट परिवाद के आधार पर किशनगंज सदर थाना में एक प्राथमिकी दर्ज करवायी गई थी। जिसमे पूर्णिया के डगरुआ निवासी सहित अन्य 11 आरोपी बनाये गये थे। पीड़िता से इनवेस्टमेंट प्लान के तहत फर्जी तरीके से 15 लाख 78 हजार रूपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवाये गए थे। पुलिस की दबिश के कारण आरोपियों द्वारा आवेदिका के खाते में ठगे गए रूपये ट्रांसफर करवाया गया। 5 सितंबर से 3 अक्टूबर तक सभी रुपये वापस करवा दिए गए।
कोचाधामन निवासी एक युवक के खाता से साइबर ठगी कर साढ़े तीन लाख रुपये अवैध निकासी कर लेने का मामला प्रकाश में आया है। मामले में पीड़ित ने साइबर थाना में शिकायत दर्ज करवायी है। 11 सितंबर को आवेदनकर्ता के द्वारा एक ऐप से आधार कार्ड को पैन कार्ड से लिंक किया जा रहा था। तभी पीड़ित के पास एक कॉल आया मोबाइल में ऐनी डेस्क एप्लिकेशन डाउनलोड करने के लिए कहा गया। अगले दिन उसने खाते को जांच किया तो तीन लाख रुपये की निकासी थी।
यह नंबर हर भारतीय के फोन में सेव होना चाहिए। 1930 : कोई आपको मैसेज/ व्हाट्सएप या सोशल साइट्स पर गाली दे या कॉल पर धमकी दे या कोई ऑनलाइन फ्रॉड हो जाए तो साइबर क्राइम के हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत कॉल करके रिपोर्ट दर्ज कराए।
बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा में सेटिंग करानेवाले गिरोह का भंडाफोड़, 4 शातिर गिरफ्तार; एंटी जैमर डिवाइस समेत* सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा पास कराने के नाम पर अभ्यर्थियों से वसूली करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने सोमवार को गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। हालांकि सरगना समेत तीन लोग अब भी फरार हैं। गिरोह के सदस्यों ने सहरसा, मधेपुरा, खगड़िया और पूर्णिया जिले के करीब 79 अभ्यर्थियों को पांच से छह लाख रुपये में पास कराने की गारंटी दी थी। इन अभ्यर्थियों से एडवांस के रूप में नगदी के साथ ही ऑनलाइन भुगतान के जरिये भी रुपये लिए थे।
बिहार राज्य के किशनगंज जिले में साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। जरा सी चूक से लोगों के खाते से रुपये गायब हो जाते हैं। जब तक लोग कुछ समझ पाते हैं तब तक देर हो जाती है। पुलिस कर्मी से लेकर व्यापारी, शिक्षक सभी साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। तीन माह पहले किशनगंज जिले में साइबर थाना खोला गया था। अब तक साइबर थाना में साइबर फ्रॉड के 27 मामले दर्ज किए गए हैं। जिसमें तीन मामलों में रुपये की रिकवरी भी की गई है।