उत्तरप्रदेश राज्य के ग्राम प्रह्लादपुर से कमलेश कुमार बताते हैं कि उनका वृंदावन हॉस्पिटल में करीब एक साल इलाज चला। दोबारा तीन माह बाद उनकों फिर से बुलाया गया है। वह बताते हैं कि उनसे कहा गया था कि टीबी मरीजों के खाते में हर महीने 500 रुपये आते हैं लेकिन 3 महीने बीत गए उनके अकाउंट में पैसे नहीं आये हैं।