हमारे श्रोता लक्की ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि उन्हें 'खेले सब संग ' की कहानी बहुत पसंद आई। वे चाहती हैं कि हमेशा ऐसी ही ओर कहानियां सुनाया जाए

हमारी श्रोता सुषमा ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि वे खेल के माध्यम से बच्चों को सब्जी के रंग और उसके नाम के बारे में बताती हैं

हमारे श्रोता निर्भय सावदान ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि उन्हें 'खेले सब संग ' की कहानी पसंद आई

हमारे श्रोता राजेंद्र ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि उन्हें खेले सब संग की कहानी पसंद आई

हमारे एक श्रोता ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि सब्जी लाने जाते है तो बच्चे के साथ खेलते हुए सब्जियों के बारे में बताते है

हमारी श्रोता सीमा ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि दीदियों द्वारा उन्होंने पहले से जाना है कि बच्चों के साथ खेलने के लिए उन्हें अलग से समय निकालने की जरूरत नहीं होती है बल्कि काम करते-करते भी बच्चों के साथ खेला जा सकते हैं।खेले सब संग की कहानी के माध्यम से उन्होंने जाना कि बच्चों के साथ अच्छे से किस तरह से खेल सकते है और इससे किस तरह से बच्चों का विकास हो सकता है

हमारी श्रोता सहाद्रा ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि जब भी वोसब्जी काटती है तो उनके बच्चे उनसे सब्जियों के रंग पूछते है।बच्चे खेल खेल में सब्जियों की जानकारी लेते है तो उन्हें अच्छा लगता है

दोस्तों, खेले सब संग कार्यक्रम की पहली कड़ी में हम सीखेंगे खाना पकाना और खेलना। तो चलिए सुनते हैं आखिर किस तरह से हम खाना पकाने के समय खेल भी सकते हैं।