त्रिलोकपूरी से अनीता ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उन्हें इस कहानी से बच्चों के साथ खेलने व उन्हें साथ जोड़े रखने की सीख मिलती है। इससे बच्चे रंगों,जानवरों आदि की पहचान कर पाते है। यह माता पिता का अपने बच्चों से जुड़ाव व उनके साथ समय बिताने का साथ ही बिना बाहर के सामान का प्रयोग किए खेलने का बहुत अच्छा तरीक़ा है।

त्रिलोकपुर से पूनम ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि उनकी बेटी का नाम आलिया सिंह है। कार्यक्रम में जो खेल खेला गया ,वह उन्हें पसंद आया। वो अपनी बेटी के साथ इसी तरह से खेल खेलती है। खेलते हुए कपड़ों के रंग पहचानती है और साथ में कपड़ों को तरीक़े से सवांरती है

हमारी श्रोता सुनीता ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि खेले सब संग का कार्यक्रम उन्हें बहुत पसंद आया है। इसमें खेल के ज़रिये बच्चों का अपने माता पिता के साथ जुड़ाव हो रहा है। इसमें बताया जाता है कि कैसे खेलते हुए बच्चों को पढ़ा सकते है। जो लोग इस कार्यक्रम को सुनते है उनसे मालूम पड़ा कि इससे माता पिता और बच्चों का आपसी मेल बढ़ रहा है।