नई सीमापुरी से सुरेना ,खेले सब संग मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि वो अपने बच्चों से बहुत प्यार करती है। एक दिन उनके बच्चे बैडमिंटन की मांग कर रहे थे। चूँकि उनके पास बैडमिंटन ख़रीदने के पैसे नहीं थे तो उन्होंने घर पर ही पन्ने इकट्ठे कर के उसका बॉल बना दिया और दो डंडे को पट्टे से जोड़ कर उसका बल्ला बना दिया । बल्ला व बॉल को देखकर बच्चा बहुत खुश हुआ और उससे दिनभर खेला। इससे उन्हें बहुत ख़ुशी हुई। उनके पास जब भी पैसे नहीं होते है तो वो अपने बच्चो के लिए पन्नो से कुछ न कुछ ख़िलौने बना कर अपने बच्चों को देती है। इससे बच्चा भी खुश रहता है और सुरेना भी।