आज देश भर में 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जा रहा है यह आज का दिन देश भर में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जाने जाने वाले सुधारो के प्रयास और जागरूकता के उद्देश्य से मनाया जाता है और इस राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम रखी गई है पर्यावरण सामाजिक और शासन आज हमारे साथ (पूर्व सैनिक) कैप्टन भगवंन सिंह सर ग्वालियर से मोबाइल वाणी पर जुड़कर अपनी प्रतिक्रिया मोबाइलवाणी के साथ साझा की।

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घरेलू हिंसा सभ्य समाज का एक कड़वा सच है।आज भले ही महिला आयोग की वेबसाइट पर आंकड़े कुछ भी हो जबकि वास्तविकता में महिलाओं पर होने वाली घरेलु हिंसा की संख्या कई गुना अधिक है। अगर कुछ महिलाएँ आवाज़़ उठाती भी हैं तो कई बार पुलिस ऐसे मामलों को पंजीकृत करने में टालमटोल करती है क्योंकि पुलिस को भी लगता है कि पति द्वारा कभी गुस्से में पत्नी की पिटाई कर देना या पिता और भाई द्वारा घर की महिलाओं को नियंत्रित करना एक सामान्य सी बात है। और घर टूटने की वजह से और समाज के डर से बहुत सारी महिलाएं घरेलु हिंसा की शिकायत दर्ज नहीं करतीं। उन्हें ऐसा करने के लिए जो सपोर्ट सिस्टम चाहिए वह हमारी सरकार और हमारी न्याय व्यवस्था अभी तक बना नहीं पाई है।बाकि वो बात अलग है कि हम महिलाओं को पूजते ही आए है और उन्हें महान बनाने का पाठ दूसरों को सुनाते आ रहे है। आप हमें बताएं कि *-----महिलाओं के साथ वाली घरेलू हिंसा का मूल कारण क्या है ? *-----घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें अपने स्तर पर क्या करना चाहिए? *-----और आपने अपने आसपास घरेलू हिंसा होती देखी तो क्या किया?

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जिला महोबा की आशा बताती है कि वो शिवगाली की बच्चियों को निःशुल्क आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देती है| बच्चियां जब स्कूल का काम ख़त्म करके उनके पास आती है और कहती है की धन्यवाद बुआ की आप हमे आत्म रक्षा के गुण शिखा रही है तो मुझे बहुत प्रसन्नता होती है

टनल से मजदूरों को बाहर निकालने में लगे 17 दिनों में हर बार की तरह इस बार भी नेताओं से लेकर मीडिया का भारी जमावड़ा आखिरी दिन तक लगा रहा, जो हर संभव तरीके से वहां की पल पल की जानकारी साझा कर रहे था। इन 17 दिनों में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव हो गए, क्रिकेट विश्वकप का आयोजन हो गया,

सरकारी संस्था आईसीएमआर के डाटाबेस में सेंध लगाकर चुराया गया 81 करोड़ लोगों का डाटा इंटरनेट पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। लीक हुए डाटा में लोगों के आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी, पासपोर्ट, नाम, फ़ोन नंबर, पते सहित तमाम निजी जानकारियां शामिल हैं। यह सभी जानकारी इंटरनेट पर महज कुछ लाख रुपये में ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध है। इसे डाटा लीक के इतिहास का सबसे बड़ा डाटा लीक कहा जा रहा है, जिससे भारत की करीब 60 प्रतिशत आबादी प्रभावित होगी।

छत्तिश्गढ़ के राजनाथ गाँव के वीरेंद्र गन्धर्व जी ने 17 अक्टूबर ,विश्व आघात दिवस के मौकेपर लॉगो से सुरक्छित रहने की अपील की हैं और दुर्घट्नाओ से सावधान रहने की ज़रूरत बताया है साथ ही समीता जी को भी श्रद्धांजलि दी है

जलवायु की पुकार [ हरियाली का अनोखा मिशन ] कार्यक्रम के अंतर्गत हम जानेंगे  पेड़-पौधे लगाना पर्यावरण के लिए क्यों जरुरी है ?