सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

उदास होने पर हंसा देती है माँ नींद नहीं आने पर सुला देती है माँ मकान को घर बना देती है माँ खुद भूखी रह कर भी बच्चों का पेट भर्ती है माँ जी हां दोस्तों, माँ होती ही ऐसी हैं और माँ का इसी त्याग, समर्पण और प्यार पर समर्पित है मदर्स डे यानि मातृत्व दिवस। आज के दौर में यह दिन हर माँ के सम्मान में मनाया जाता है। आइये जानते हैं मदर्स डे मनाने की परंपरा की शुरुआत कब और कैसे हुई। दरअसल मदर्स दे 20वीं सदी की शुरुआत में अन्ना जार्विस द्वारा स्थापित किया गया था, जो उनकी अपनी मां के मानवीय कार्यों के प्रति समर्पण से प्रेरित था।1914 में , राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने आधिकारिक तौर पर अमेरिका में मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे के रूप में नामित किया, जिसे बाद में अन्य देशों ने अपनाया। साथियों,एक और खास बात यह है कि हर साल मातृ दिवस का एक अलग थीम होता है और इस बार का थीम है "सेलिब्रेटिंग मदरहुड: ए टाइमलेस बॉन्ड". मदर्स डे ना सिर्फ मां को समर्पित है बल्कि उनके त्याग, बच्चों के लिए समर्पण और खुद से ज्यादा बच्चों के लिए प्रेम की सराहना भी करता है.मां और बच्चे का रिश्ता हर रिश्तों से बड़ा होता है. साथियों, मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से आप सभी को मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं । धन्यवाद !!

छत्तीसगढ़ राज्य के राजनाद गाँव से वीरेंदर , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि पुरुष महिलाओं को प्रताड़ित करते हैं, यह सच है लेकिन 100% सच नहीं है। कभी-कभी ऐसा होता है कि जो आदमी है वे उनके साथ ईमानदार हैं, वे अपने प्यार को बनाए रखना चाहते हैं, इसलिए कई बार महिलाएं भी उसका फायदा उठाती हैं। कभी-कभी पुरुष सम्मान करते हैं, महिला लाभ उठाती है और पुरुषों द्वारा महिलाओं का शोषण किया जाता है। मेरा मानना है कि यह हर तरह से होता है, यह सामाजिक रूप से होता है, यह व्यक्तिगत रूप से होता है, इसलिए यह गलत है। एक अच्छे पति का सम्मान करना चाहिए और सभी का सम्मान करना चाहिए।

मध्यप्रदेश राज्य के जिला जबलपुर से अनुलाल महोबिया, मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। महिलाओं की गरिमा को बनाए रखने के लिए समाज को आगे आना होगा और समाज के लिए काम करना होगा। लोग महिलाओं के कल्याण या महिलाओं के पुनरुत्थान के लिए कोई काम नहीं करना चाहते हैं। महिलाओं का सर्वांगीण विकास बहुत महत्वपूर्ण है। महिलाओं का सर्वांगीण विकास होगा तो हमारे घर का विकास होगा, हमारे घर का विकास होगा तो पड़ोस, जिला, राज्य और अन्य का विकास होगा। संसार का विकास संसार में महिलाओं को विशेष दर्जा या समान दर्जा देना ही समाज का पुनरुद्धार या समाज का कल्याण हो सकता है

मध्यप्रदेश राज्य के जिला जबलपुर से अनुलाल महोबिया, मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। महिलाओं की गरिमा को बनाए रखने के लिए समाज को आगे आना होगा और समाज के लिए काम करना होगा। लोग महिलाओं के कल्याण या महिलाओं के पुनरुत्थान के लिए कोई काम नहीं करना चाहते हैं। महिलाओं का सर्वांगीण विकास बहुत महत्वपूर्ण है। महिलाओं का सर्वांगीण विकास होगा तो हमारे घर का विकास होगा, हमारे घर का विकास होगा तो पड़ोस, जिला, राज्य और अन्य का विकास होगा। संसार का विकास संसार में महिलाओं को विशेष दर्जा या समान दर्जा देना ही समाज का पुनरुद्धार या समाज का कल्याण हो सकता है

साल 2013-2017 के बीच विश्व में लिंग चयन के कारण 142 मिलियन लड़कियां गायब हुई जिनमें से लगभग 4.6 करोड़ लड़कियां भारत में लापता हैं। भारत में पांच साल से कम उम्र की हर नौ में से एक लड़की की मृत्यु होती है जो कि सबसे ज्यादा है। इस रिपोर्ट में एक अध्ययन को आधार बनाते हुए भारत के संदर्भ में यह जानकारी दी गई कि प्रति 1000 लड़कियों पर 13.5 प्रति लड़कियों की मौत प्रसव से पहले ही हो गई। इस रिपोर्ट में प्रकाशित किए गए सभी आंकड़े तो इस बात का प्रमाण है कि नई-नई तकनीकें, तकनीकों में उन्नति और देश की प्रति व्यक्ति आय भी सामाजिक हालातों को नहीं सुधार पा रही हैं । लड़कियों के गायब होने की संख्या, जन्म से पहले उनकी मृत्यु भी कन्या भ्रूण हत्या के साफ संकेत दे रही है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- आखिर हमारा समाज महिला के जन्म को क्यों नहीं स्वीकार पाता है ? *----- शिक्षित और विकसित होने के बाद भी भ्रूण हत्या क्यों हो रही है ? *----- और इस लोकसभा चुनाव में महिलाओ से जुड़े मुद्दे , क्या आपके लिए मुद्दा बन सकता है ??

मध्यप्रदेश राज्य से प्रमोद कुमार , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि महिलाओं को नहीं मिल रही है नौकरी।

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

छत्तीसगढ़ राज्य से वीरेंदर ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि गर्भपात और लिंग जाँच रोकने के लिए कानून का सख्त होना ज़रूरी है। इसके लिए एकजुट होकर क्रांतिकारी कदम उठाना चाहिए

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में।