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विवाह में गलत परंपराओं का निर्वहन आज भी हो रहा है। प्राचीन विवाह पद्यति में कई प्रकार की कुरीतियां और परपंराए थी जैसे होम हवन, सप्तपदी, कन्यादान हम आज भी उसकी समीक्षा करने की बजाए विवाह में उसे मानने लगे है। इतिहासचार्य राजवाडे के अनुसार प्राचीन काल में आज के जैसी बिजली की व्यवस्था यानी प्रकाश व्यवस्था नहीं थी तब आर्य के पूर्वज विवाह में खाना, पीना, नाचगाना, बैठना उठना, सोना, यमनक्रिडा जैसे जीवन की गतिविधियां अग्नीकुंड में जलने वाले आग के प्रकाश में होता थी। आज हम विवाह में यज्ञ होम करने लगे है जब कि यह प्रथा उस काल की प्रासंगिकता के अनुसार थी। उस काल में स़्त्री को पुरूष की उपभोग की वस्तू समझा जाता था, इस लिए तब विवाह में कन्या दान किया जाता था। कन्या दान करने के पीछे की धारना यही थी। यह सभी विषय आर्यो ने और बाद की पीढ़ी के पंडितों ने समाज में स्थापित करते है। आज इस की समीक्षा होने की आवश्यकता है।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा ग्रीष्मकालीन भिंडी की खेती कैसे करे सम्बंधित जानकारी दे रहे हैं । विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ मसूर और फ्रेंचबीन में फूल और फल नहीं लग रहे है इस बारे में जानकारी दे रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

भारत में हर पाँच मिनट पर घरेलू हिंसा की एक घटना रिपोर्ट की जाती है। नेशनल फैमिली हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार सख्त घरेलू हिंसा कानून- 2005 होने के बावजूद देश में हर तीन महिलाओं में से एक महिला घरेलू हिंसा की शिकार हैं। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 79.4% महिलाएं कभी अपने पति के जुल्मों की शिकायत ही नहीं करती। दोस्तों, हर रोज महिलाओं के खिलाफ जुर्म बढ़ रहे हैं , क्या अब हमारी संस्कृति को ठेस नहीं पहुंच रही , जिस पर इतने डींगे हाँकते है ? समाज में उत्पीड़न, शोषण और हिंसा का निरंतर बढ़ता ग्राफ अब बढ़ता ही जा रहा है। और जिस पर हमें अपनी चुप्पी तोड़नी ही होगी। हमें इस मुद्दे पर अपनी आवाज़ उठानी ही होगी।