लाली मेरे लाल की जित देखूं तित लाल। लाली देखन मै गई मै भी हो गयी लाल। दिल्ली में बैठ कर INDIA is shinhing को अंग्रेजी में कहने से जनता और ज़ोर ज़ोर से नारा लगाने लगती है। शायद इसी टमाटर की वजह से हम विश्व की 5 वीं या तीसरी अर्थव्यवस्था भी बन जाए। कौन जानता है ? वैसे भी आजकल INDIA कहने से मामला कुछ गड़बड़ाता ही जा रहा है। अब इंडिया कहे या भारत , ये भी सवाल नया बन कर उभर रहा है। लेकिन इंडिया को छोड़ जो किसान हमारे भारत में रहते है , उन्हें तो टमाटर की लाली से कुछ खास फ़र्क़ नहीं पड़ रहा है। झारखण्ड राज्य की राजधानी रांची से तक़रीबन 100 किलोमीटर दूर बड़कागांव में हर रोज़ सुबह सुबह सब्ज़ी की मंडी लगती है। उस मंडी में पिछले 15 सालों से सब्ज़ी बेच रहे एक सब्ज़ी वाले ने बताया कि पिछले 15 सालों में उन्होंने टमाटर को कभी भी इतना महंगा नहीं देखा। पिछले 1 महीने से खुद उन्होंने टमाटर को चखा भी नहीं है। एक किसान बलराम महतो ने बताया कि वे तो 50 रु किलो के भाव से टमाटर बेच दे रहे है। बाकि सुनने में आ रहा है कि यहाँ से मात्र 30 किलोमीटर दूर हज़ारीबाग शहर में 250 के भाव से टमाटर बिक रहा है। पिछले दिनों किसान आंदोलन में हमारी सरकारी जनता ट्रैक्ट्रर चलाते और जींस पहले लोगो को किसान मानने को तैयार ही नहीं थी. और वही सरकारी जनता आज किसानो को टमाटर के बहाने जींस पहनाने में लगी है। बात साफ़ है कि कम्पनियों की सरकारों के प्रवक्ता.. देश को टमाटर कम्पनी बनाने के चक्कर में लगी हुई है। और हमें और आपको टमाटर के बहाने टमाटर ही बने रहना देना चाहती है। ताकि हम सोते जागते , उठते-बैठते टमाटर -टमाटर ही करते रहे. तो अब सवाल ये है कि टमाटर के भाव बढ़ जाते हैं तो किसान को इसका फायदा क्यों नहीं मिलता? क्योंकि सौ रुपये किलो के टमाटर में अस्सी रुपये बीच वाले खा लेते हैं। इस मुल्क में किसानों के नाम पर बहुत से लोगों को बहुत कुछ मिल जाता है। नोट वाले नोट ले जाते हैं, वोट वाले वोट ले जाते हैं, राज करने वाले राज करने लगते है और मुर्ख बनाने वालों को नए नए तरीके मिल जाते है। बात बस इतनी सी है कि अगर किसानो को फायदा मिलना शुरू हो जाएगा तो बीच के कई लोगों को घाटा हो जाएगा। तो साथियों, आप मुझे बताइए कि आपके यहाँ मॅहगाई के क्या हालात है ? इस महँगाई में गुज़ारा कैसे हो रहा है ? और आपको राजीव की डायरी कैसी लगी ? किन-किन मुद्दों पर आपने वाले वक़्त में बात करना चाहते है ? अपनी बात बताने के लिए अभी दबाएँ अपने फ़ोन में नंबर 3 का बटन और बताएं अपने विचार। नमस्कार

जलवायु की पुकार [क्लाइमेट वॉयसेस हैंडबुक] कार्यक्रम के अंतर्गत हम जानेंगे बच्चो को पर्यावरण के बारे में शिक्षा देना, प्लास्टिक कचरा का सही निपटान करना और बच्चो को प्लास्टिक के हानिकारक प्रभाव के बारे में सीखना क्यों जरुरी है?

मेरी भी आवाज़ सुनो कार्यक्रम के अंतर्गत प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि-योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि-योजना का उद्देश्य है किसानों की आय बढ़ाना

मेरी भी आवाज़ सुनो कार्यक्रम के तहत सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में जानकारी दी गई। सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत बेटियों के लिए कई वित्तीय योजनाओं का प्रावधान है।

मेरी भी आवाज सुनो की इस कड़ी में हम जानेंगे कि लाडली लक्ष्मी योजना में पंजीयन करवाने से बेटियों के जन्म से लेकर उनकी पढ़ाई और शादी के लिए सरकार के तरफ से किस तरह से आर्थिक मदद की जाती है। विस्तारपूर्वक खबरों को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.