उत्तरप्रदेश राज्य के महोबा जिला से कल्पना मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि नीलिमा की कहानी सुनी जिसमे बताया गया की अगर हम लड़का बन कर रहना चाहते है तो रह सकते है,क्योंकि ये हमारा अधिकार भी है और इच्छा भी है ,इसमें हमे कोई रोक टोक नहीं कर सकता है। इसके लिए हमे अपनी सोच को बदलना होगा की जो जैसे चाहे रह सकता है समाज में सबको अपने तरीके से रहने और जीने का अधिकार है।