झारखंड के चतरा जिला से फूलकुमारी मोबाईल वाणी के माध्यम से कहना चाहती है कि उनके पिता नहीं हैं उनके चाचा उनकी माँ को मारते थे। इसलिए वे सब भाई बहनों के साथ अपने नानी के घर चले गए। फूलकुमारी का कहना है ,की संस्था से जुड़ने के बाद उनमे अब यह जागरूकता आयी कि वह अपने परिवार के ऊपर हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठा सकती हैं।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला से श्रोता मोबाइल वाणी के माध्यम से यह कहती हैं कि उन्हें घर से निकलने को नहीं मिलता था। लेकिन जब वह क्रिया संस्था से जुड़ी और उससे घरेलु हिंसा किशोरी हिंसा के बारे में जानकारी मिली। इस संस्था से जुड़ने के बाद प्रशिक्षण मिली अब वह सभी महिलाओं के घर-घर जाकर समझाती है। साथ ही हो रहे हिंसाओं से लड़ने को जागरूक भी करती हैं।

झारखंड के नया टोली से मानती देवी मोबाईल वाणी के माध्यम से कहती हैं कि झारखंड महिला उत्थान से जुड़कर महिलाओं के जीवन में बहुत सुधार आया है। मानती जी का कहना है कि इस संस्था से जुड़ने के बाद उनके पति मारना पीटना बंद किये।

झारखण्ड राज्य से आभा देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती हैं कि उन्होंने जब गाँव के महिलाओं से बातचीत किया तो, महिलाओं ने कहा कि पहले उन्हें लगता था कि उनके ऊपर जो हिंसाएँ हो रही है, वह सही है। क्योंकि महिलाएं जब काम करके वापस आती थी तब उनके घर के पुरुष पैसों को लेकर मारपीट आदि करते थे। उसके बाद सुबह होने पर सामान्य रूप से व्यवहार करते है। जब उन्हें नीलिमा की कहानी को दिखाया गया तब जाकर उन्हें पता चला की उनके ऊपर हो रहे अत्याचार वह सही नहीं है और साथ ही इस कहानी से उन्हें यह जानकारियाँ मिली की हमारे ऊपर हो रहे अत्याचार से कैसे लड़े।

झारखण्ड राज्य के चतरा जिले के भगवानदास से रानी जी मोबाइल वाणी के माध्यम से ये कहना चाहती है कि लड़का और लड़की में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। लड़कियों को बाहर जाने की छूट नहीं दी जाती है बल्कि उससे घर का काम कराया जाता है.उनका कहना है कि लड़कियों के साथ शोषण किया जाता है उन्हें बाहर नहीं निकलने दिया जाता है तथा उन्हें उतनी भी छूट नहीं दी जाती है कि वह बाहर जा कर पढाई कर सके साथ ही अपनी इच्छानुसार कुछ कर सके।इसलिए इनका कहना है कि इस तरह के भेदभाव को ख़त्म करना चाहिए।